Move to Jagran APP

सर्जरी, नेत्र और ईएनटी विभाग में आपरेशन बंद

भागलपुर। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कोरोना संक्रमण की वृद्धि को देखते हुए सर्जरी नेत्र और ईएनटी विभाग में आपरेशन बंद कर दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 10:03 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 10:03 PM (IST)
सर्जरी, नेत्र और ईएनटी विभाग में आपरेशन बंद
सर्जरी, नेत्र और ईएनटी विभाग में आपरेशन बंद

भागलपुर। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के कई विभागों में आपरेशन बंद कर दिया गया है। तत्काल दो सप्ताह के लिए सर्जरी, नेत्र और ईएनटी विभाग में आपरेशन नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा आब्स गायनी और हड्डी रोग विभाग में आपरेशन किया गया। मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा रही है। गंभीर मरीजों का आपरेशन इमरजेंसी में किया जाएगा।

loksabha election banner

आउटडोर विभाग में शनिवार को एक मरीज को इंडोर हड्डी विभाग में भर्ती किया गया। शनिवार को सर्जरी विभाग, नेत्र, ईएनटी विभाग में आपरेशन नहीं किए गए। ऐसे मरीज जिनकी स्थिति गंभीर नहीं थी, उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दी जा रही है। हालांकि शुक्रवार को सर्जरी विभाग में आपरेशन किया गया था। तारापुर की एक महिला मरीज को गाल ब्लाडर में पथरी के लिए भर्ती छह दिन पहले किया गया था। स्थिति गंभीर नहीं थी, इसलिए उसे छुट्टी दे दी गई। कुछ दिनों बाद बुलाया गया है। करीब तीन-चार मरीजों को छुट्टी दी गई है।

वहीं, नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डा. उमा शंकर सिंह ने कहा कि जिन मरीजों को तुरंत आपरेशन की जरुरत नहीं है, उन्हें दो सप्ताह बाद बुलाया जा रहा है। ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डा. एसपी सिंह ने कहा कि आपरेशन बंद कर दिए गए हैं। हड्डी रोग विभाग और आब्स गायनी में शनिवार को आपरेशन किए गए। हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डा. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि गंभीर मरीजों का आपरेशन किया जा रहा है। इस विभाग में आउटडोर विभाग में इलाज करवाने आए एक गंभीर मरीज को भर्ती भी किया गया।

गौरतलब है कि अस्पताल अधीक्षक द्वारा तत्काल दो सप्ताह के लिए आपरेशन बंद करने का पत्र जारी किया गया है।

इमरजेंसी से लेकर अन्य विभागों में मरीजों की संख्या कम

अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर इंडोर विभागों में भर्ती मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। आइसीयू में मात्र एक मरीज बची है। वहीं, इमरजेंसी के सर्जरी, मेडिसीन और शिशु विभाग में 19 मरीज ही बचे हैं, जबकि 70 से ज्यादा बेड है। इंडोर मेडिसीन विभाग में भी मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.