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Diwali 2021 पर बिहार लौट रहे लोगों की जमकर हो रही खातिरदारी, प्रत्याशी कर रहे छठे चरण के पंचायत चुनाव की खास तैयारी

Diwali 2021 इस बार 4 नवंबर को है। उधर बिहार में पंचायत चुनाव के छठे चरण के तहत मतदान 3 नवंबर को है। ऐसे में घर लौट रहे लोगों की जमकर खातिदारी हो रही है। प्रत्याशी उनकी आवभगत में लगे हुए हैं। बाहर रह रहे लोगों से संपर्क...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 04:55 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 04:55 PM (IST)
Diwali 2021 पर बिहार लौट रहे लोगों की जमकर हो रही खातिरदारी, प्रत्याशी कर रहे छठे चरण के पंचायत चुनाव की खास तैयारी
4 नवंबर को दिवाली 2021, 3 को छठे चरण का मतदान।

जागरण संवाददाता, सुपौल : Diwali 2021 के बीच इस बार पंचायत चुनाव संपन्न हो रहा है। जिले में चार चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और चुनाव परिणाम की घोषणा हो चुकी है। घोषित चुनाव परिणाम में परिवर्तन की लहर सी चल पड़ी है। इसे देखते हुए प्रत्याशी मतदाताओं की खूब आवभगत कर रहे हैं। आगे दिवाली भी है ऐसे में मतदाताओं की दिवाली खूब जमने की संभावना है। जो मतदाता गांव से बाहर हैं, उन्हें घर बुलाया जा रहा है। अब अगर वे बुलावे पर आए हैं तो उनकी खातिरदारी तो बनती ही है। दिवाली और छठ के लिए भी घर आए मतदाताओं की भी खूब खैर मकदम हो रही है।

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चुनाव के समय मतदाताओं की पूछ वैसे भी बढ़ जाती है फिर पांच साल जनता अपने हाल पर रहती है। जनता को अपने जनप्रतिनिधि का कामकाज को तौर-तरीका पसंद आया तो ठीक नहीं तो उसे बदल देती है। यही कारण है कि चुनाव में मतदाताओं की पूछ बढ़ जाती है। फिलहाल पंचायत चुनाव का दौर जारी है। जिन जगहों पर चुनाव संपन्न हो गए वहां मतदाताओं की खातिरदारी का दौर खत्म हो चुका है और जिन जगहों पर बाकी है वहां यह सिलसिला चल रहा है।

पिछले दिनों जब दशहरा के बीच चुनाव शुरू हुए तो मतदाताओं को अपनी गाड़ी से नजदीकी बाजार लाना और पर्व की तैयारी करवाना प्रत्याशियों के दिनचर्या में शामिल था। उनके सुख-दुख में शामिल होना हर प्रत्याशी चाहते थे। इतने के बाद भी मतदाताओं ने अधिकांश जनप्रतिनिधियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

यह देख जिन जगहों पर चुनाव होना शेष है वहां मतदाताओं की विशेष खातिरदारी हो रही है। आलम यह है कि कोई मतदाता बीमार हुआ तो डाक्टर के पास उसे लेकर एक प्रत्याशी पहुंचता है तो दूसरा दवा के पुर्जा के लिए इंतजार में खड़ा रहता है। छोटे ओहदे वाला प्रत्याशी हुआ तो मरीज की तीमारदारी में लगा हुआ है। किसी के यहां कोई भोज-भात है तो वहां का नजारा भी गजब का होता है। खाना बांटने से लेकर जूठे पत्ते उठाने तक से प्रत्याशी परहेज नहीं कर रहे हैं। उनके प्रचार वाहनों से आवाज आती है मतदाता मालिकों।

बहरहाल, दीपावली सामने है तो प्रत्याशियों का काम भी बढ़ा हुआ है। किसके घर रंग-पेंट नहीं हुआ यहां तक की जानकारी प्रत्याशियों के पास होती है। अगर मजदूर के कारण काम नहीं हो रहा है इसकी व्यवस्था तक करनी पड़ रही है। भले ही इसके पैसे घर मालिक दें लेकिन ङ्क्षचता उनकी बढ़ी हुई है। वैसे चुनाव है इसमें सब चलता है।


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