कल-पुर्जे ही नहीं, 'सोच' को भी कस रहीं महिलाएं Bhagalpur News
महिलाओं को भागलपुर-मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्स का मेंटेनेंस सौंपा गया है। ब्रेक गियर पहिये को दुरुस्त करने के साथ-साथ अपर गियर में जलापूर्ति और पाइप का रखरखाव भी इन्हीं के जिम्मे है।
भागलपुर [रजनीश]। हाथों में रिंच लेकर ट्रेन के कल-पुर्जे कस रहीं महिलाएं। ये सिर्फ कल-पुर्जे नहीं कस रहीं, बल्कि उस सोच को भी, जहां तेजी से बदल रही दुनिया में भी आधी आबादी के लिए बहुत सी बंदिशें बरकरार हैं।
पुरुषों के वर्चस्व वाले मेंटेनेंस वर्क के क्षेत्र में भी अब महिलाओं ने पैठ बना ली है। इसका नजीर है भागलपुर जंक्शन, जहां महिला कर्मी ही ट्रेन का हर नट-बोल्ट कसकर पूरी तरह सुरक्षित बना रवाना करती हैं।
भागलपुर कोचिंग डिपो में ट्रेनों के मेंटेनेंस का काम करीब दर्जन भर महिलाएं ही कर रही हैं। इंजन और बोगियों के पहिये से लेकर सस्पेंशन के अपर गियर (ऊपर वाला हिस्सा) तक को ठीक कर रहीं। ट्रेन के नीचे जाकर अंडर गियर में भी काम कर रही हैं। अभी महिलाओं की इस टीम को भागलपुर-मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्सप्रेस का मेंटेनेंस सौंपा गया है। बेबी देवी, केडी देवी, सोनी देवी, गुंजा कुमारी, रेणु देवी और मीना देवी आदि इस ट्रेन का रखरखाव कर रही हैं। ब्रेक, गियर, पहिये को दुरुस्त करने के साथ-साथ अपर गियर में जलापूर्ति और पाइप का रखरखाव भी इन्हीं के जिम्मे है।
कोच की सफाई, डेस्टिनेशन बोर्ड लगाना, ट्रिमिंग यानी यात्रियों के बैठने की सीट के कवर सिलने से लेकर कवर लगाने तक काम कर रही हैं। अभी जंक्शन के हर विभाग में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। टिकट काउंटर, चेकिंग स्टॉफ, आरपीएफ, पोर्टर, स्टेशन मास्टर के पद पर भी महिलाएं तैनात हैं। मालदा मंडल में सबसे ज्यादा महिला कर्मी भागलपुर जंक्शन पर हैं।
जंक्शन के सभी विभाग में महिला कर्मी अच्छे से काम रही हैं। ये ट्रेनों का रखरखाव भी कर रहीं है। इनका काम मानकों पर खरा होता है। - यतेंद्र कुमार, डीआरएम, मालदा रेल मंडल।