अब ईयर टैग कर पशुओं का बनेगा हेल्थ कार्ड, आपदा में भी पशुपालकों को मिलेगा लाभ
खेतीबारी के साथ पशुपालकों को उचित लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने अब पशुओं का भी ईयर टेग कर पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ताकि आपदा के समय भी पशुपालकों को समुचित लाभ पहुंचाया जा सके।
कटिहार, जेएनएन। जिले में पशुपालकों को सरकार की योजनाओं का उचित लाभ पहुंचाने के लिए अब पशुओं का ईयर टैग कर पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। यह कार्य विभाग द्वारा आरंभ भी कर दिया गया है। यह एक तरह से पशुओं का पंजीकरण है। योजना के लाभ के लिए पशुओं का पंजीकरण कराना जरूरी है। इसी आधार पर प्राकृतिक आपदा के समय भी पशुपालकों को उचित लाभ मिलेगा। पशुओं को ईयर टैग करने का कार्य निश्शुल्क जारी है।
बीमारी के हालत में सरकारी चिकित्सक निशुल्क करेंगे इलाज
इसी आधार पर पशुओ की बीमार होने पर टैग वाले पशुओं का इलाज सरकारी चिकित्सक द्वारा किया जाएगा। बिना टैग वाले पशुओं के लिए किसी स्तर की सुविधा पशुपालकों को नहीं मिल पाएगा। ईयर टैग करने का एक उद्देश्य पशुओं का सही आंकड़ा भी तैयार किया जाना है।
बीमा का लाभ मिलने में भी नहीं होगी परेशानी
इसके साथ ही पशुओं का बीमा, चोरी होने पर पशुओं का पता, पशु स्वास्थ्य कार्ड, भविष्य में पशुओं की आंन लाईन खरीद ब्रिकी, दुग्ध उत्पादन की जानकारी, विभिन्न टीकाकरण व कृमिनाशक दवा की डिवर्मिग के ब्योरे , पशुओ के कृत्रिम गर्भाधान कार्य की चरणबद्व प्रगति आदि सिर्फ टैग करने वाले पशुपालक को दिया जाएगा।
आपदा से मौत पर निबंधित पशुओं का ही मिलेगा मुआवजा
पशुओं के ईयर टैग से बाढ़, आग अथवा अन्य किसी आपदा के समय पशुओं की मौत पर सरकारी मुआवजा का आधार भी यही होगा। बता दें कि जिले में दियारा का एक बड़ा इलाका होने से यहां पशुपालन जीवकोपार्जन का बड़ा आधार है।
क्या कहते है जिला पशुपालन पदाधिकारी
कटिहार जिले के जिला पशुपालन पदाधिकारी आनंदी प्रसाद सिंह ने पशुओं को ईयर टैग करने का कार्य शुरु कर दिया गया है। इसके साथ ही पशुओं का हेल्थ कार्ड भी बनाया जा रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पंजीकृत पशुओं के पालक को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। आपदा की स्थिति में भी पशुओं की क्षति पर आपदा का फायदा मिलेगा।