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नहीं मिली दो गज जमीन, घर में दफनाया शव

मौत के बाद भी जलाने के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:27 PM (IST)
नहीं मिली दो गज जमीन, घर में दफनाया शव
नहीं मिली दो गज जमीन, घर में दफनाया शव

मधेपुरा। घटना हृदयविदारक है। मौत के बाद भी जलाने के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हुई। हारकर परिजनों ने घर में ही शव को दफन कर दिया। घटना जिले के कुमारखंड प्रखंड के केवटगामा की है। सोहगिया देवी के शव को जलाने के किसी ने अपनी जमीन नहीं दी। गांव में श्मसान के लिए निश्चित जगह नहीं और मिन्नत काम नहीं आई। पति हरिनारायण ऋषिदेव के पास अपने घर के अतिरिक्त दूसरी कोई जगह नहीं थी। हारकर शव को घर में ही दफन कर दिया।

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केवटगामा टोला अनुसूचित जाति की बस्ती है। गरीबी और बदहाली चरम पर। टोले की निवासी 35 वर्षीया सोहगिया देवी रविवार को डायरिया से पीड़ित हो गई। इलाज कराया गया, लेकिन डिहाइड्रेशन के कारण सोमवार रात उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए परिजन पास की जमीन पर ले गए, लेकिन कुछ लोगों ने वहां शव को जलाने से रोक दिया। उसके बाद अन्य लोगों से भी अंतिम क्रिया के लिए जमीन मांगी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

श्मसान के लिए जमीन की मांग : पंचायत के पूर्व मुखिया बेचन ऋषिदेव, कैलू ऋषिदेव, सदनाद ऋषिदेव, योगी ऋषिदेव, विनोद ऋषिदेव, कैलाश ऋषिदेव ने कहा कि गांव में किसी की मौत होने पर काफी परेशानी होती है। जिसके पास जमीन है, उसके लिए तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन भूमिहीनों को परेशानी होती है। सभी लोगों ने जिला पदाधिकारी से श्मसान के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। बैसाखी श्रृषिदेव, बृहस्पति श्रृषिदेव, मनेश कुमार, शंकर श्रृषिदेव, कलानंद श्रृषिदेव, सिकेन्दर श्रृषिदेव, अनीता देवी, कला देवी, मनेशिया देवी, दुखनी देवी, महसोनिया देवी, कारी देवी, विरेंद्र श्रृषिदेव, शत्रुघ्न श्रृषिदेव, आदि श्मसान के अभाव में अपनी परेशानी बयान करते क्षुब्ध हो जा रहे।

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आलमनगर, कुमारखंड और चौसा में डायरिया का प्रकोप

बारिश के बाद जिले में डायरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। कुमारखंड प्रखंड के केवटगामा की सोहगिया देवी की मौत हो गई। चौसा पूर्वी पंचायत में कई लोग बीमार हैं। आलमनगर प्रखंड के आलमनगर उत्तरी पंचायत के वार्ड नंबर-11 के छह से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। ¨सघिया मुसहरी में बीमारी पांव बढ़ा चुकी है। सोनवर्षा में बड़गांव पंचायत और सनोटी गांव के दर्जनों लोग पीड़ित हैं।

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बेबसी ओर बयान

'मेरे पास घर के अलावा और कहीं जमीन नहीं है। लोगों से मिन्नत करने के बाद भी अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं मिली। घर में ही शव को दफन करने के अलावा कोई उपाय नहीं था।'

- सोहगिया के पति हरिनारायण ऋषिदेव

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'पंचायत में शमशान के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध कराने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र भेजा जाएगा।'

रीता देवी, मुखिया, लक्ष्मीपुर चंडीस्थान

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'शमशान के लिए सरकारी जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा जाएगा।'

- जयप्रकाश राय, अंचलाधिकारी, कुमारखंड


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