...अब सरकारी कार्यालयों में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक का उपयोग किया तो खैर नहीं
सरकारी और अर्द्धसरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक फोल्डर और ट्रे आदि की जगह पर कपड़े या जूट से बनी सामग्री इस्तेमाल की जाएगी। प्लास्टिक की सामग्री को धीरे-धीरे प्रतिबंधित किया जाएगा।
भागलपुर [जेएनएन]। पॉलीथिन कैरीबैग पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब दूसरे चरण में कार्यालयों में रोजमर्रा कार्य में उपयोग होने वाली प्लास्टिक सामग्री पर भी पाबंदी लगाई जाएगी। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर राज्यस्तरीय सलाहकार समिति के सुझाव पर अहम निर्णय लिए हैं।
सरकारी और अर्द्धसरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक फोल्डर और ट्रे आदि की जगह पर कपड़े या जूट से बनी सामग्री इस्तेमाल की जाएगी। प्लास्टिक की सामग्री को धीरे-धीरे प्रतिबंधित किया जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक खाद्य एवं पेय पदार्थ में प्रयुक्त होने वाले डिस्पोजेबल प्लास्टिक थर्मोकोल, डिस्पोजेबल कप, ग्लास, चम्मच, कटोरी, फार्क, कंटेनर और पेय पाइप आदि का कार्यालय स्तर पर उपयोग कम करने का समिति ने सुझाव दिया है।
पीने के पानी में प्रयोग होने वाले सिंगल यूज पीट प्लास्टिक बोतल को भी प्रतिबंधित किया जाएगा। प्रधान सचिव ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत गठित जिला स्तर पर पर्यावरण संरक्षण समिति के प्रतिनिधियों को भी गठित दस्ता में शामिल करने का निर्देश दिया। इसके अनुपालन का नगर आयुक्त को निर्देश दिया है।
कार्यालय में रखे जाएंगे दो कूड़ेदान
कार्यालय परिसर से निकलने वाले गिले और सूखे कूड़े को अलग-अलग रखा जाएगा। कार्यालय में हरा और नीला रंग का दो कूड़ेदान अनिवार्य रुप से रखा जाएगा। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में भी सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पत्र भेजा जाएगा।
प्लास्टिक के कूड़े का होगा निस्तारण
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए जिला औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग से अनुरोध किया जाएगा। ताकि नगर निगम से प्राप्त प्लास्टिक अपशिष्टों के निस्तारण कराने के लिए संयंत्र लगाया जा सके। नगर निगम अपने स्तर से भी उद्योग विभाग के क्षेत्रिय कार्यालय से संपर्क कर जमीन की उपलब्धता के लिए अनुरोध करेगा।
पाबंदी को जारी रहेगी छापेमारी
डीएम की अध्यक्षता में प्रत्येक सप्ताह पॉलीथिन कैरीबैग पर पाबंदी लगाने के लिए छापेमारी होगी। इसके लिए राज्य स्तरीय सलाहकार समिति ने आवश्यक कदम उठाने को कहा है। डीएम के निर्देश पर नगर निगम अपने स्तर से दस्ता द्वारा प्लास्टिक कैरीबैग प्रतिबंध के लिए छापेमारी, जब्ती एवं जुर्माना की कार्रवाई करेंगे।