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भागलपुर रेलवे जंक्शन: सुराख बता रहे सतर्कता की खामियां

भागलपुर रेलवे जंक्शन पर कोई जांच की व्यवस्था नहीं चारदीवारी भी है क्षतिग्रस्त लोगों का बेरोकटोक होता है आवागमन। प्रवेश द्वार पर नहीं है लगेज स्कैनर की व्यवस्था। रेल यात्रियों की भी मेटल डिटेक्टर से नहीं होती जांच।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 09:54 AM (IST)
भागलपुर रेलवे जंक्शन: सुराख बता रहे सतर्कता की खामियां
भागलपुर रेलवे जंक्शन पर नहीं है बेहतर सुरक्षा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। दो दिन पूर्व उग्रवादी ने भले ही रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी थी, इसके बावजूद अधिकारी सुरक्षा के मामले में पूरे आत्मविश्वास में हैं। जगह-जगह सुरक्षा में सुराख सतर्कता की खामियां बता रहे हैं। स्टेशन पर न यात्रियों की जांच हो रही और न ही सामान की स्कैनिंग। चारदीवारी क्षतिग्रस्त है। किसी भी दिशा से, कहीं से कभी भी लोगों का आवाजाही हो रही है। इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है।

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भागलपुर जंक्शन मालदा मंडल का सबसे अधिक राजस्व देने वाले स्टेशन है। यहां प्रतिदिन 90 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। भागलपुर स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को एयरपोर्ट की तरह ही हाइटेक बनाने का दावा किया गया था। वर्ष 2013 में रेलवे ने दावा किया था कि स्टेशन के प्रवेश द्वार पर अंडर व्हीकल सिक्युरिटी सर्विलांस सिस्टम लगाया जाएगा। इसके लगने से यात्रियों के लगेज ही नहीं, बल्कि उनकी गाड़ी को भी सुरक्षा जांच होकर गुजरना पड़ेगा। जंक्शन पर कोई भी यात्री या वाहन बिना सुरक्षा जांच के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा। इसके लिए सुरक्षा केंद्र भी बनाया जाना था, लेकिन हाइटेक सुरक्षा की बात तो दूर, स्टेशन पर सामान्य सुरक्षा भी नहीं है। बड़ा स्टेशन होने के कारण कई बार नक्सली और आतंकी घटनाओं की धमकी भी मिल चुकी है। इसके बावजूद इसकी सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है।

चारदीवारी को तोड़ दिया

स्टेशन की सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म संख्या छह के पास चहारदीवारी का निर्माण कराया गया था, लेकिन रेलवे अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की सुस्ती का फायदा उठाते हुए शरारती तत्वों ने उसे तोड़ दिया। इसके बाद बिना रोक-टोक लोग स्टेशन से गुजर रहे हैं, लेकिन कोई पूछने वाला भी नहीं है। स्टेशन से दक्षिणी दिशा की हालात और बदतर है। बेधड़क लोगों का आना-जाना होता है। रेलवे परिसर में वाहनों का परिचालन हो रहा है। बाइक से लोग पटरी पार कर रहे हैं। लोहिया पुल के पास रेलवे परिसर में सब्जी मंडी लग रही है। लोगों ने स्टेशन परिसर को रास्ता बना लिया है। मुख्य सड़क के बजाय लोग स्टेशन को आम रास्ता के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।

किसी भी दिशा से किया जा सकता है प्रवेश

कोचिंग यार्ड की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। किसी भी दिशा से यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं है। प्रतिबंधित इस क्षेत्र का भी लोग आम रास्ता के रूप में उपयोग कर रहे हैं। दिन की बात तो दूर रात में भी कोचिंग यार्ड होकर लोग गुजरते हैं, जबकि इस क्षेत्र में आम लोगों के प्रवेश पर रोक के लिए 24 घंटे रेलवे सुरक्षा बलों की तैनाती रहती है।

महत्वपूर्ण जगहों पर नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे

स्टेशन पर 115 सीसीटीवी लगाने की बात कही गई थी, लेकिन अबतक महज 16 सीसीटीवी कैमरे ही लगे हुए। उनमें से भी दो सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। प्लेटफार्म संख्या एक पर भोजनालय के सामने और प्लेटफार्म संख्या दो-तीन के सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हंै। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्लेटफार्मों को छोड़ सर्कुलेटिंग एरिया, वाहन पार्किंग, टिकट बुकिंग काउंटर सहित स्टेशन परिसर में अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में किसी तरह की बड़ी घटना होने पर अपराधियों की पहचान करने में काफी परेशानी हो सकती है।

दो दिन जांच के बाद सुस्त पड़ गई पुलिस

दरभंगा स्टेशन पर पार्सल में विस्फोट की घटना के बाद थोड़ी सकर्तता बरती गई, लेकिन सिर्फ दो दिन। डाग स्क्वाड से पार्सल की जांच कराई जा रही थी। पार्सल ही नहीं बल्कि संदेह होने पर बैग, अटैची की भी जांच कराई जा रही थी, लेकिन समय बीतने के साथ पुलिस सुस्त पड़ गई। पार्सलों की नियमित जांच नहीं कराई जा रही है। यही नहीं स्टेशन पर यात्रियों की मेटल डिटेक्टर से भी जांच नहीं हो रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने की स्थिति में नक्सली या आतंकवादी घटना को अंजाम दे सकता है।

सुरक्षा कर्मियों की कमी

आधारभूत संरचना के साथ ही भागलपुर स्टेशन पर सुरक्षा कर्मियों की कमी है। विधि व्यवस्था की जिम्मेदारी राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की है, लेकिन आवश्यकता के अनुसार भागलपुर में जीआरपी थाना में चालीस फीसद सुरक्षा कर्मियों की कमी है। हालांकि आरपीएफ पोस्ट में आवश्यकता के अनुसार 142 सुरक्षा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा 38 अतिरिक्त जवानों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। इनमें 17 महिला जवान भी शामिल हैं, लेकिन 180 जवानों में तीन अधिकारी सहित 80 सुरक्षा बलों की ड्यूटी दुमका में लगाई गई है। बाराहाट-दुमका रेलमार्ग में विद्युतीकरण कार्य चल रहा है।

स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की बनाई गई है योजना

पुलिस का कहना है कि स्टेशन चारों ओर से असुरक्षित है। जून में ही नाथनगर और भागलपुर स्टेशन के बीच मौलानाचक के समीप मालगाड़ी के इंजन चालक से लूटपाट की घटना को बदमाशों ने अंजाम दिया था। इसलिए रेलवे को सुरक्षा प्लान दिया गया है। चहारदीवारी को ऊंचा कर कंटीले तार लगाने, प्लेटफार्मों के अलावा सर्कुलेटिंग एरिया, वाहन पार्किंग सहित स्टेशन परिसर में 115 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

उपलब्ध संसाधनों में ही सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। रेलवे के संबंधित पदाधिकारियों से चारदीवारी कर स्टेशन की घेराबंदी, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने सहित सुरक्षा संबंधी कई प्लान दिए गए हैं। कोरोना के कारण कार्यों में विलंब हुआ। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होने की उम्मीद है। -अमीर जावेद, रेल एसपी, जमालपुर।


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