कहलगांव नगर पंचायत : अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, जानिए... पक्ष और विपक्ष का अंतर Bhagalpur News
अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की बात कही जिसे नकार दिया गया। इसके बाद हुए गुप्त मतदान में 12 पार्षदों ने हिस्सा लिया।
भागलपुर [जेएनएन]। कहलगांव नगर पंचायत अध्यक्ष बबीता देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी। अध्यक्ष के विरोध में ग्यारह और समर्थन में मात्र एक मत पड़ा। जबकि अध्यक्ष सहित तीन पार्षदों ने मतदान का बहिष्कार किया।
कहलगांव नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई गई विशेष बैठक शनिवार को नगर पंचायत के सभागार में उपाध्यक्ष नूतन कुमारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्ति पर्यवेक्षक एडीएम मनोज कुमार भी मौजूद थे। बैठक में अध्यक्ष सहित 15 पार्षद उपस्थित थे। नगर पंचायत में 17 वार्ड हैं, जिनमें से एक में पार्षद का पद रिक्त है। वहीं एक पार्षद अनुपस्थित था। बैठक में सुरक्षा के लिए दंडाधिकारी के रूप में अंचलाधिकारी मो. मोइनुद्दीन और पुलिस पदाधिकारी बल के साथ मौजूद थे।
बैठक में अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों पर चर्चा की गई। अध्यक्ष ने जवाब भी दिया, लेकिन पार्षद संतुष्ट नहीं हुए और मतदान का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की बात कही, जिसे नकार दिया गया। इसके बाद हुए गुप्त मतदान में 12 पार्षदों ने हिस्सा लिया। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 11 मत पड़े और विरोध में मात्र एक मत पड़ा। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं एक वार्ड पार्षद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मतगणना के बाद पर्यवेक्षक ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की। घोषणा के साथ ही बबीता देवी की अध्यक्ष की कुर्सी चली गई। अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही विरोधी खेमे में खुशी छा गई जबकि अध्यक्ष समर्थक मायूस हो गए।
बैठक में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी भी मौजूद थे। पर्यवेक्षक ने बताया कि विशेष बैठक और अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में जिला एवं राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना भेज दी गई है। निर्वाचन आयोग ही अध्यक्ष के चुनाव की तिथि घोषित करेगा। अब उपाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा वार्ड पार्षदों के बीच शुरू हो गई है।