भगवान पुष्पदंत का धूमधाम से मना निर्वाण महोत्सव
नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगम्बर जैन मंदिर में मंगलवार को दशलक्षण महापर्व मनाया जा रहा है।
भागलपुर। नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगम्बर जैन मंदिर में मंगलवार को दशलक्षण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की उपासना की गई। श्रद्धालुओं ने जैन धर्म के नौवें तीर्थकर भगवान पुष्पदंत का निर्वाण महोत्सव मनाया गया। धार्मिक अनुष्ठान के बाद भगवान को निर्वाण लाडू अर्पण किया गया। भगवान शांतिनाथ जिनालय में भगवान पुष्पदंत की स्वर्ण सज्जा मनमोहक थी। पूरा मंदिर परिसर नमोकार के मंत्रोच्चार से गूंज रहा था। सोनीपत के मदन सेन जैन ने मंगलाचरण पाठ किया।
कोतवाली चौक स्थित जैन मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जैन अंतराक्षरी में तृप्ति पाटनी, बबली जैन, रेखा सेठी को पुरस्कृत किया गया। बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में यश पाटनी विजयी घोषित किए गए। देर शाम भक्तिमय संगीत की धुन के बीच सज्जन विनायका द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने बताया कि बुधवार को महापर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की उपासना होगी।
श्रद्धालुओं के बीच प्रवचन में मुनिराज विप्रण सागर ने कहा कि जीवन में सत्य धर्म आ जाए तो संसार सागर से मुक्ति एकदम निश्चित है। बीजारोपण से पहले भूमि की सफाई आवश्यक है। उसी प्रकार धर्म के आगमन के लिए आत्मा की सफाई आवश्यक है। उत्तम शौच का अर्थ है लोभ को मिटाना। इसलिए बड़ी शौच वाले ही जीवन में आगे बढ़ पाते हैं। लड़ाई-झगड़ा समाधान नहीं बल्कि समस्या को बढ़ा देता है। जो बड़ों की इज्जत नहीं करते वे छोटे से बेइज्जत होते हैं। अंधेरे में छांया, बूढ़ापे में काया साथ नहीं देती है। क्योंकि सत्य ही मानव का श्रृंगार है। विपत्ति में संपत्ति नहीं, धैर्य ही काम आता है।