आर्थिक परेशानी : भूखे पेट बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक, आखिर... ऐसा क्यों करा रहा शिक्षा विभाग Bhagalpur News
शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कई सरकारी कार्यों में मुख्य भूमिका निभाने वाले शिक्षकों को पिछले कई माह से वेतन ही नहीं मिल रहा है। इनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
भागलपुर [जेएनएन]। शिक्षा विभाग को शिक्षकों की चिंता नहीं। पिछले कई माह से शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने के कारण वे परेशान हैं। स्कूल तो जाते हैं लेकिन भूखे। आखिर बिना रुपये की भोजन सामग्री की कैसे खरीदारी करेंगे। एक दो माह की बात हो तो कुछ किया जा सकता है, लेकिन कई माह से शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। आखिर शिक्षा विभाग शिक्षक से भूखे पेट बच्चों को क्यों पढवाता है।
जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नौ हजार नियोजित शिक्षकों को जून माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। इसके अलावा डीएलएड प्रशिक्षण पूरा करने वाले करीब तीन हजार शिक्षक भी अपने वेतन वृद्धि के एरियर का बाट जो रहे हैं। पर शासन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं हैं।
भूखे पेट ये शिक्षक स्कूलों में भले शैक्षणिक कार्य में लगे हैं, लेकिन आर्थिक संकट से जूझ रहे इन शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। निजी स्कूल में शुल्क जमा हो पाने से इनके बच्चों को स्कूल से निकालने का भी अल्टीमेटम मिलना शुरू हो गया है। पर्व त्योहार मनाने की बात तो दूर रही, दुकानदार रोजमर्रे का समान देने से भी अब कतराने लगे हैं।
इधर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने कहा कि दशहरा के पूर्व अगर शिक्षकों को लंबित वेतन और एरियर का भुगतान नहीं किया गया तो जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिवालय को संघ की स्तर से डिमांड उपलब्ध करा दिया गया है। एक सप्ताह में हमलोग लंबित वेतन भुगतान को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलेगे।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने कहा कि जून-जुलाई माह का वेतन भुगतान शिक्षकों को जल्द किया जाएगा। शेष लंबित राशि आवंटन प्राप्त होने के बाद दी जाएगी।