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कोसी और सीमांचल के हर गांव तक 'मौत का नेटवर्क', धड़ल्‍ले से चाय और पान की दुकान पर बिक रहा स्‍मैक

कोसी और सीमांचल के हर गांव तक मौत का नेटवर्क पहुंच चुका है। चाय और पान की दुकान पर धड़ल्‍ले से इसकी बिक्री हो रही है। पुलिस सब कुछ जान कर भी अनजान बनी हुई है। युवा इसकी चपेट में तेजी से...!

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:44 PM (IST)
कोसी और सीमांचल के हर गांव तक 'मौत का नेटवर्क', धड़ल्‍ले से चाय और पान की दुकान पर बिक रहा स्‍मैक
कोसी और सीमांचल के हर गांव तक 'मौत का नेटवर्क' पहुंच चुका है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। वेडर कहे जाने वाले स्मैक के थोक बिक्रेताओं के बीच अब शहर में इलाका बंटने लगा है। इधर पैडरल कहे जाने वाले खुदरा बिक्रेताओं की कतार लगातार लंबी होती जा रही है। इसके अलावा शहर में सौ से अधिक चाय व पान दुकानदार भी अपने कारोबार की आड़ में स्मैक बेच रहे हैं। स्मैक के कारोबार से जुड़े लोगों का एक बड़ा संजाल यहां बन चुका है। पुलिस द्वारा भी लगातार इस दिशा में अपनी कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने में जुटी है। ऐसे कुछ लोगों की सूची भी पुलिस द्वारा तैयार की जा चुकी है और उसकी सतत निगहबानी भी शुरु है।

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जानकारी के अनुसार कभी स्मैक के आदी रहे लोगों व फिर इस अवैध कारोबार के फेर में पुलिस की गिरफ्त में आए लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगालने के प्रयास में जुटी हुई है। इसी प्रयास में अब कुछ खास संवेदनशील इलाके की पहचान भी हुई है। इसमें खुश्कीबाग, रामबाग, नेवालाल चौक, मरंगा, पोलिटेकनिक चौ, सुदीन चौक, लूट मोहल्ला, बाड़ी हाट, हाउङ्क्षसग कालोनी, चुनापुर घाट, जनता चौक, मझली चौक जैसे कई इलाके चिन्हित हुए हैं।

वेंडर युवाओं को लगा रहे लत, तैयार कर रहे पैडरल

यह खेल शहर में सक्रिय कुछ वेंडर शातिराना अंदाज में खेल रहे हैं। ऐसे वेंडर पहले आसपास के दूसरे नशे के आदी अथवा मानसिक या फिर आर्थिक परेशानी से जूझने वाले युवाओं को अपनी जाल में फांसते हैं। उन्हें शनै:-शनै: इसकी लत लगाते हैं और फिर उसी लत की पूर्ति के एवज में उससे स्मैक बिक्री कराते हैं। यह पूरी कड़ी एक चेन के सिस्टम में बढ़ती जाती है। ऐसे युवा ही बाद में पैडरल का कार्य करने लगते हैं। जानकारी के अनुसार इसमें अपराधी प्रवृति के युवाओं की संख्या में अच्छी-खासी है। इधर अब वेंडर खास इलाके में अपना दबदबा कायम कर कारोबार को बढ़ाने की फिराक में लग गए हैं। इसको लेकर यदा-कदा तनाव की स्थिति भी पैदा होने लगी है। मजे की बात यह है कि अधिकांश वेंडर स्मैक की लत से पूरी तरह दूर हैं। उसका मकसद केवल इस कारोबार के जरिए पैसा कमाना है। कुछ दिन पूर्व केनगर थाना पुलिस द्वारा शहर के एक बड़े वेंडर को गिरफ्तार भी किया गया था। उसके सहारे पुलिस कुछ हद तक नेटवर्क में शामिल कुछ लोगों को दबोचने में कामयाब भी हुई थी, लेकिन फिलहाल कई अन्य वेंडरों की सक्रियता यहां बढ़ चुकी है।


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