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नेपाल की बारिश तय करती है कोसी की बाढ़, खगडिय़ा में जलप्रलय की स्थिति

नेपाल की भारी बारिश से सुपौल सहरसा मधेपुरा और खगडिय़ा में कोसी नदी उफान पर आ जाती है। नेपाल का पानी बिहार के इन जिलों में 10 से 48 घंटे के अंदर प्रवेश करता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 05:47 PM (IST)
नेपाल की बारिश तय करती है कोसी की बाढ़, खगडिय़ा में जलप्रलय की स्थिति
नेपाल की बारिश तय करती है कोसी की बाढ़, खगडिय़ा में जलप्रलय की स्थिति

खगडिय़ा [निर्भय]। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि पड़ोसी देश नेपाल की बारिश से बिहार में कोसी क्षेत्र की नदियों का जलस्तर निर्भर करता है। नेपाल की भारी बारिश से सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगडिय़ा में कोसी नदी उफान पर आ जाती है। नेपाल का पानी बिहार के इन जिलों में 10 से 48 घंटे के अंदर प्रवेश करता है। इससे इन इलाकों में जलप्रलय की स्थिति बन जाती है।

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नेपाल के ओखलडूंगा, टापलेगंज, धनकुट्टा, विराटनगर, जनकपुर और धरान में अगर भारी बारिश हुई, तो बिहार के कोसी क्षेत्र में स्थिति विकट हो जाती है। पिछले दिनों नेपाल के कोसी-बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद खगडिय़ा में बाढ़ नियंत्रण विभाग अलर्ट मोड में आ गया था। नेपाल का पानी खगडिय़ा में 36 से 48 घंटे के अंदर प्रवेश करता है। इससे कोसी-कारी कोसी, बागमती और कमला उफान पर आ जाती है। अभी भी नदियां बांधों-तटबंधों से सटकर बह रही हैं। इस कारण कोसी-बागमती पर बने बांधों-तटबंधों पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है। रिसाव की सूचना पर तुरंत मोबाइल एंबुलेंस भेजकर स्थिति नियंत्रण में की जाती है।

फिलहाल नेपाल में भारी बारिश की आशंका नहीं : बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा से मिली जानकारी अनुसार फिलहाल नेपाल में भारी बारिश की आशंका नहीं है। यह राहत की बात है। बुधवार को बागमती के जलग्रहण क्षेत्र जनकपुर में 55 मिलीमीटर बारिश हुई है। कोसी के जलग्रहण क्षेत्र ओखलडूंगा में 1.9, टापलेगंज 3.5 और धनकुट्टा में 1.7 मिलीमीटर बारिश हुई है।

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से जुड़ीं नदियां

जलग्रहण क्षेत्र : नदियां

ओखलडूंगा : कोसी

टापलेगंज : कोसी

धनकुट्टा : कोसी

विराटनगर : कोसी-महानंदा

जनकपुर : बागमती

नेपाल में भारी बारिश होने पर खगडिय़ा में कोसी, कारी कोसी, बागमती और कमला का जलस्तर बढ़ जाता है। इससे बाढ़ प्रवण क्षेत्र में संकट गहरा जाता है। मालूम हो कि बागमती के दायें भाग में तटबंध है। बायां भाग खुला हुआ है। कराचीन-बदलघाट तटबंध के छह किलोमीटर के आसपास कमला नदी बागमती से मिलती है। बागमती बढ़ेगी, तो कमला भी बढ़ेगी। खगडिय़ा में ही सोनवर्षा घाट के आसपास बागमती नदी कोसी से संगम करती है। फिलहाल खगडिय़ा जिले के सभी बांध-तटबंध सुरक्षित हैं। 24 घंटे बांधों-तटबंधों की निगरानी रखी जा रही है। खगडिय़ा में बाढ़ प्रवण इलाके में ही बाढ़ है। इनमें अधिकांश दियारा क्षेत्र हैं अथवा बांधों-तटबंधों के अंदर अवस्थित हैं। - - सत्यजीत, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा।


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