खुफिया विभाग ने किया अलर्ट, चुनावी सभा और सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं नक्सली
लोकसभा चुनाव को लेकर 29 मार्च के बाद नेताओं की चुनावी सभा शुरू हो जाएगी। पुलिस इससे पहले ही अपनी तैयारी कर लेगी। ताकि वह किसी भी परिस्थिति से निपट सके।
भागलपुर [बलराम मिश्र]। नक्सल प्रभावित भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में चुनावी सभा के दौरान नक्सली नेताओं और सुरक्षाबलों को निशाना बना सकते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग और मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है। संवेदनशील इलाकों में स्थानीय स्तर पर भी खुफिया विभाग की टीम इनपुट जुटाने में लग गई है।
29 मार्च के बाद नेताओं की चुनावी सभा शुरू हो जाएगी। पुलिस इससे पहले ही अपनी तैयारी कर लेगी। ताकि वह किसी भी परिस्थिति से निपट सके। अभी किस जिले में कौन-कौन बड़े नेता सभा करेंगे, यह निश्चित नहीं है। सूची जारी होते ही उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस की चुनौती बढ़ जाएगी। भागलपुर जोन के कई जिलों को आइजी, डीआइजी स्तर से भी नक्सलियों को लेकर निर्देशित किया गया है।
भागलपुर के जोनल आइजी विनोद कुमार ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद चुनाव में नक्सलियों से निपटने की रणनीति तैयार की जाएगी। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए हर सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे।
भागलपुर जोन में हुए बड़े नक्सली हमले
31 दिसंबर, 2011 : सिमुलतला में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की अगवा कर हत्या कर दी थी।
17 फरवरी, 2011 : जमुई के शीतला कोड़ासी में नक्सलियों ने 11 ग्रामीणों को जिंदा जला डाला था।
10 जनवरी, 2010 : भागलपुर जिले के अकबरनगर स्थित बीएमपी कैंप पर हमला कर दर्जनों हथियार और गोलियां लूट ली थीं।
05 जनवरी, 2005 : नक्सलियों ने मुंगेर के एसपी केसी सुरेंद्र बाबू समेत छह पुलिसकर्मियों को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था।