राष्ट्रीय पहचान बनाई : बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेने गए दिवेश बन गए प्रशिक्षकों के गुरु
दिवेश कुमार ने भागलपुर से खेल का सफर शुरू किया। 2016 में बेंगलुरु स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस नेशनल संस्थान में एक वर्ष तक राष्ट्रीय स्तर (एनआइएस) के कोच का प्रशिक्षण लिया।
भागलपुर [जितेंद्र कुमार]। दो साल पहले बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेने हैदराबाद गए भागलपुर के दिवेश कुमार ( 28 वर्ष) अब प्रशिक्षकों के गुरु बन चुके हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण ने उन्हें चेन्नई स्थित एसआरएम विश्वविद्यालय में प्रशिक्षक का दायित्व सौंपा है। यहां वे देश भर के 44 बैडमिंटन कोच को 42 दिनों का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
दिवेश 2016 से लगातार तीसरे वर्ष प्रशिक्षक भी भूमिका में हैं। गत जुलाई में सब जूनियर नेशनल टीम के खिलाडिय़ों को हैदराबाद के प्रकाश पादुकोण अकादमी में प्रशिक्षण दिया था। इसी अकादमी में साउथ एशिया व सब जूनियर को कैंप लगाकर प्रशिक्षण देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिवेश को भी सौंपी गई थी। इसमें नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश के खिलाड़ी जुटे थे। दिवेश अपना आइडियल प्रकाश पादूकोण को मानते हैं। कोच में आरिफ, विनोद और राणा उनके आदर्श हैं। दिवेश को साइना नेहवाल व थामस इंजुमले से काफी कुछ सीखने का मौका मिला।
दिवेश को अपने रेशमी शहर से लगाव है। छुट्टी मिलते ही वे यहां इंडोर स्टेडियम में खिलाडिय़ों की प्रतिभा निखारने पहुंच जाते हैं। यहां अकादमी चलाकर पूर्वी बिहार समेत अन्य जिलों के 150 से अधिक खिलाडिय़ों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। इनसे प्रशिक्षण लेकर मुजफ्फरपुर के शुभम कुमार, पटना के आदित्य चंद्रा, हाजीपुर के मनीष कुमार व अंबूज प्रकाश ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कामयाबी हासिल किया। दुबई में 2017 को हुई अंतरराष्ट्रीय यूथ गेम में अरवाज ने दिवेश से प्रशिक्षण पाकर देश को सिल्वर मेडल दिलाया।
चार साल बन गए नेशनल कोच
दिवेश कुमार ने भागलपुर से खेल का सफर शुरू किया। 2016 में बेंगलुरु स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस नेशनल संस्थान में एक वर्ष तक राष्ट्रीय स्तर (एनआइएस) के कोच का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद सार्टिफिकेट कोर्स के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भी मिल गई। हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी में दिवेश प्रशिक्षक का दायित्व निभाया। इसके बाद केंद्र सरकार के खेल प्राधिकरण ने पदुच्चेरी में प्रशिक्षक के लिए प्रतिनियुक्त किया।
छह साल तक टीएमबीयू के रहे कप्तान
दिवेश ने 2003 में टाउन हॉल से बैडमिंटन के क्षेत्र में अपने कॅरियर की शुरुआत की। भागलपुर बैडमिंटन संघ के सत्यजीत सहाय और राजेश नंदन का भरपूर सहयोग भी मिला। वर्ष 2007 से 2013 तक टीएमबीयू में बतौर कप्तान रहे। लगातार दो बार टीएमबीयू की टीम को ऑल इंडिया विश्वविद्यालय बैडमिंटन प्रतियोगिता में चौथे स्थान तक पहुंचाया। कजरैली के दिवेश को नाना स्व. त्रिवेणी प्रसाद यादव, पिता कैलाश बिहारी यादव से बैडमिंटन खेलने की प्रेरणा मिली। वर्तमान में भागलपुर के जिला खेल अधिकारी प्रमोद यादव ने भांजा दिवेश का भरपूर मनोबल बढ़ाया। प्रमोद खुद बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी हैं।