घंटाघर संप पर लाखों खर्च, फिर भी पेयजल का इंतजार
भागलपुर। शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को लेकर सरकार ने भले ही अपनी झोली खोल दी लेकिन लाख
भागलपुर। शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को लेकर सरकार ने भले ही अपनी झोली खोल दी, लेकिन लाखों रुपये खर्च बाद भी शहर के लोग पेयजल की सुविधा से वंचित हैं। घंटाघर के समीप जल भंडारण के लिए चार लाख गैलन क्षमता वाले संप का निर्माण कराया था। वर्ष 2012 में नगर विकास विभाग की योजना को बिहार राज्य जल पर्षद ने पूरा किया। संप में बरारी वाटर से सीधा भंडारण की व्यवस्था की गई है। जिससे इशाकचक, गोशाला व सिकंदरपुर के जलमीनार को पर्याप्त पानी मिल सकता था। इससे डेढ़ लाख की आबादी के बीच जलसंकट की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती थी, लेकिन नगर निगम प्रशासन की उदासीनता की वजह से करोड़ों का संसाधन दम तोड़ने के कगार पर पहुंच गया है। आधा दर्जन मोटर पंप रख-रखाव के बगैर खराब होने लगे हैं। संप से जलापूर्ति को लेकर अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मेयर का प्रयास नहीं आया काम
घंटाघर संप से जलापूर्ति शुरू करने की निगम प्रशासन ने खूब कसरत की। जलापूर्ति शुरू कराने को मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों के साथ बैठक भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। मेयर सीमा साहा ने संप से जलापूर्ति के लिए 10 जनवरी 2017 को बुडको, पैन इंडिया, बीआरजेपी और नगर निगम की जलकल शाखा के साथ नगर निगम में बैठक की थी। बीआरजेपी ने 24 जनवरी से संप से गंदा पानी निकालकर सफाई भी की। साथ ही पंप हाउस का ट्रायल भी हुआ था, लेकिन निगम अब तक जलापूर्ति शुरू करा पाने में नाकाम रही।
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कोट
संप से जलापूर्ति को लेकर जलकल शाखा के साथ चुनाव के बाद समीक्षा होगी। इसकी तकनीकी बाधा को दूर किया जाएगा।
- सीमा साहा, मेयर