वाटर वर्क्स की बिगड़ी सेहत, गहराने लगा जलसंकट
भागलपुर। बरारी वाटर वर्क्स में मोटर पंप की कमी के कारण जल भंडारण की समस्या बनी हुई है।
भागलपुर। बरारी वाटर वर्क्स में मोटर पंप की कमी के कारण जल भंडारण की समस्या बनी हुई है। शहर में 12 एमएलडी पानी की जगह आठ एमएलडी की ही आपूर्ति की गई, जिससे कुछ इलाकों को पानी मिला तो कुछ मोहल्ले वंचित रह गए। पिछले तीन दिनों से मानिक सरकार स्थित पानी टंकी में जल भंडारण नहीं हुआ। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। तिलकामांझी से लेकर आदमपुर चौक और कचहरी चौक के 50 हजार से अधिक लोगों को जल संकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
मोटर पंप दुरुस्त करने में जुटा निगम
बरारी वाटर वर्क्स में सात मोटर पंप के बदले तीन से जल भंडारण किया जा रहा है। दरअसल, वेट इंटेकवेल का जलस्तर 27 फीट नीचे गिर गया है। गुरुवार को नगर निगम के जलकल कर्मी मोटर पंप को इंटेकवेल के सबसे निचले चैनल में शिफ्ट करने में जुट गए। इस कार्य में दो दिनों का समय लग सकता है। वहीं ड्राई इंटेकवेल के दो खराब मोटर पंप को अब तक नहीं बदला गया है। इससे भंडारण की समस्या बनी हुई है।
लीकेज मरम्मत में हो रही काफी परेशानी
बरारी वाटर वर्क्स से मुख्य पाइप लाइन पर वन विभाग ने कार्यालय भवन का निर्माण करा दिया है। इसके कारण निगम के जलकल कर्मियों को लीकेज मरम्मत को लेकर काफी मशक्कत करना पड़ रही है। कमरे के अंदर नगर निगम के जलकल कर्मियों को 10 फीट गहरा गड्ढ़ा खोदना पड़ा। 25 दिनों के बाद भी स्थायी तौर पर जलापूर्ति पाइप की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है, जबकि कोलकाता से मरम्मत संबंधी उपकरण भी मंगवा लिए गए हैं। मरम्मत कार्य के लिए दो दिनों तक जलापूर्ति बंद करनी पड़ सकती है। त्योहार को लेकर निगम संशय की स्थिति में है। बहरहाल, इससे जवारीपुर रोड, आदमपुर, सुरखीकल भट्ठा रोड, तिलकामांझी व रेड क्रास रोड की घनी आबादी वाले क्षेत्र में कम प्रेशर के साथ आपूर्ति की समस्या बनी हुई है।
------
बरारी में बिगड़ी जलापूर्ति व्यवस्था :
बरारी के फेरी रोड, फैक्ट्री रोड, बड़गाछ चौक व लंच घाट मार्ग समेत कई मोहल्ले में वाटर वर्क्स की जलापूर्ति का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। यहां अवैध तरीके से घरों की छत तक पानी पहुंचाने के लिए अधिकांश लोगों ने मोटर लगा रखा है। इससे जनता नलों से पानी नहीं टपक रहा है। निगम की जलकल शाखा अवैध तरीके से जलदोहन करने वालों पर कार्रवाई कर पाने में विफल रही है। बहरहाल, तीन माह से पीने के पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है।