46 फर्जी आइडी से रेल टिकट काटता था मुस्तफा का खास इमरान Bhagalpur News
इमरान इस धंधे का माहिर शातिर खिलाड़ी है। इमरान के जिस लैपटॉप को आरपीएफ ने जब्त किया है। लैपटॉप से इमरान के साथ इन कंप्यूटिंग सिस्टम के माध्यम से कई कंप्यूटर को जोड़कर काम करता था।
भागलपुर [रजनीश]। ई-टिकट से हवाला के जरिए आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार मु. इमरान बड़ा मास्टरमाइंड निकला। पूछताछ में इमरान ने कई अहम जानकारी दी है। गुलाम मुस्तफा के अलावा देश के कई राज्यों में सक्रिय पैनल सेलर से भी इसके रिश्ते अच्छे रहे हैं। आरपीएफ की जांच में पता चला कि इमरान ने केवल भागलपुर से ही सात महीने 46 फर्जी आइडी से ई-टिकट काटता था। छह महीने में 10.57 लाख रुपये के 735 टिकट काटे थे। उसके पास कई बैंकों कार्ड भी मिले हैं। इमरान की तरह ऐसे कई और बुकिंग एजेंट है जो इस तरह का धंधा संचालित कर रहे हैं। इस धंधे में और लोगों का पर्दाफाश करना आरपीएफ के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह इसे चैलेंज लेकर गुप्त तरीके से जांच कर रहे हैं। इस अवैध धंधे में कई और के नाम जल्द ही सामने आने की उम्मीद है। दरअसल, आरपीएफ ने भागलपुर से गिरफ्तार मु.जुनैद रजा और मु. इमरान को रिमांड पर लिया था। रिमांड पर कड़ई से पूछताछ के दौरान जुनैद से कोई खास इनपुट नहीं मिला। पर, मु. इमरान ने कई राज बताएं।
इन कंप्यूटिंग सिस्टम से एक साथ कई लैपटॉप करता था ऑपरेट
मु. इमरान इस धंधे का माहिर शातिर खिलाड़ी है। इमरान के जिस लैपटॉप को आरपीएफ ने जब्त किया है। उस लैपटॉप से इमरान के साथ इन कंप्यूटिंग सिस्टम के माध्यम से एक साथ कई कंप्यूटर को जोड़कर काम करता था। इमरान ने बताया है कि वह किस तरह से ई-टिकट काटता था।
मुंबई, बेंगलुरु, सहित कई राज्यों के पैनल सेलर से संबंध
इमरान का मुस्तफा के साथ-साथ बिहार के अलावा मुंबई, यूपी, दिल्ली, बेंगलुरु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई राज्यों में सक्रिय पैनल सेलर (ई-टिकट सरगना) से संबंध है। पैनल सेलर ई-टिकट के अवैध धंधे से जुड़े लोगों का ग्रुप है। इमरान ने बताया कि वह आने-जाने के लिए बंगाल या पटना से फ्लाइट लेता था।
बहुत तेज काम करता था सॉफ्टवेयर
इमरान जो सॉफ्टवेयर से ई-टिकट काटता था उसकी स्पीड आइआरसीटीसी के एक हजार गुणा से ज्यादा तेज है। इमरान ने बताया कि पैनल सेलर के पास ऐसी व्यवस्था है जो उसे पता रहता था कि किस बैंक का लिंक तेजी से काम करेगा। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने गिरोह का पूरी तरह पर्दाफाश कर दिया है। वरीय अधिकारी भी इस कामयाबी से संतुष्ट हैं।