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पयर्टक के मानचित्र पर दिखेगा मुंगेर का ऋषिकुंड, सांसद ललन सिंह के साथ आ रहे पर्यटन विभाग के सचिव, आप भी आएं

पयर्टक के मानचित्र पर दिखेगा मुंगेर का ऋषिकुंड। जिला प्रशासन की ओर से डीपीआर बनाकर भेजा गया जगह चयन का काम शुरू। मुंगेर सांसद के साथ जल्द पहुंचेंगे पर्यटन विभाग के सचिव संतोष कुमार मल्ल। विकास धरातल पर दिखेगा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:41 PM (IST)
मुंगेर का ऋषिकुंड, इसका होगा विकास। आएंगे सांसद ललन सिंह व पर्यटन विभाग के सचिव।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। जिले के बरियारपुर प्रखंड स्थित ऋषिकुंड अब बिहार पयर्टन विभाग के नक्शे पर दिखेगा, इसके लिए विभागीय प्रक्रिया तेज हो गई है। पर्यटक स्थल का दर्जा मिलने के बाद न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। सरकारी स्तर पर पर्यटक स्थल के रूप में ऋषि कुंड को पहचान दिलाने के लिए कवायद भी शुरू कर दी गई है। मुंगेर सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन स‍िंह जल्द ही पर्यटक विभाग के सचिव संतोष मल्ल के साथ ऋषिकुंड पहुंचेंगे। सांसद ने बताया कि पर्यटन विभाग के सचिव से पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने के प्रस्ताव पर बातचीत हुई है। टीम ऋषिकुंड पहुंचेगी और पयर्टक स्थल के दर्जा के लिए जरूरी मानकों को देखेगी। दरअसल, ऋषिकुंड पहाड़ की तराई में स्थित है। पहाड़ से निकलने वाले अनवरत गर्म जल के श्रोत ऋषिकुंड की पहचान है। ठंड के दिनों में गर्म जल के कुंड में स्नान करने दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां प्रत्येक तीन वर्ष पर राजगीर और पुष्कर की तर्ज पर एक माह का मलमास मेला लगता है।

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संसद सत्र के बाद पहुंचेंगे सांसद

मुंगेर सांसद ने बताया कि ऋषिकुंड के साथ-साथ सीता कुंड को भी पर्यटक स्थल का दर्जा मिलेगा। संसद सत्र समाप्त होने के बाद पर्यटन विभाग के सचिव के साथ ऋषिकुंड और सीताकुंड भी पहुंचेंगे। सांसद ने बताया कि मुंगेर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन सर्किट से जोडऩे की योजना है। प्राथमिकता के आधार पर सभी को पर्यटक स्थलों से जोडऩे के लिए प्रयास चल रहा है। सांसद ने बताया कि आने वाले दिनों में मुंगेर की पहचान पर्यटन स्थलों की सूची में होगी। उन्होंने कहा कि जनता से जो भी वायदा किया हूं, वह सब धरातल पर दिखेगा।

20 किमी है दूर, ऋषि मुनियों का तपो स्थल रहा है

विभांडक मुनि सहित कई महान ऋषि-मुनियों की तपोस्थली, ऋषि श्रृंगी की जन्मस्थली, श्यामा चरण लाहिरी की का समाधि स्थल, बाबा भुजंगी दास महाराज की दीक्षा स्थली भी है। पहाड़ की तराई में स्थित ऋषिकुंड की दूरी मुंगेर मुख्यालय से 20 किलोमीटर है। सर्द मौसम का आनंद उठाने बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। ऋषिकुंड में सालों भर सैलानियों की भीड़ रहती है। ऋषि कुंड में गर्म जल का कुंड है, इसमें कई औषधीय गुण भी है। आसपास के लोग कुंड के जल का सेवन करते हैं। कुंड के जल में औषधीय गुण होने के कारण चर्म रोग व पेट संबंधी बीमारी दूर होने की बात यहां के ग्रामीण बताते हैं।

-ऋषिकुंड और सीता कुंड का पयर्टक स्थल का दर्जा को लेकर जिले से डीपीआर बनाकर भेज दिया गया है। जगह चयन का काम भी चल रहा है। -नवीन कुमार, डीएम, मुंगेर।


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