धर्मवीर के सीने में दफन है एके-47 सौदे का पोशीदा राज
धर्मवीर का मुंगेर, खगडिय़ा, बांका, गोड्डा के जरायम पेशेवरों से नजदीकी रही है। पुलिस केंद्र में भी वह हमेशा बाहरी लोगों से घिरा रहता था। पुलिस और एनआइए इस बिंदु पर जांच कर रही है।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। एके-47 की सौदेबाजी में शामिल धर्मवीर कुमार के सीने में जबलपुर सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो से चोरी कर मुंगेर लाए गए हथियार की खरीद-बिक्री का पोशीदा राज दफन है। सत्ताधारी दल के एक विधायक के काफी करीब रहे धर्मवीर का जरायम पेशेवरों से पुराना नाता रहा है। कहा जा रहा है कि खगडिय़ा और बांका के सफेदपोश दागी से एके-47 की सौदेबाजी कराई थी। भागलपुर में तैनात एक महिला कांस्टेबल के जरिए भी उसने हथियार की सौदेबाजी कराई है।
मुंगेर पुलिस और एनआइए की टीम इस बिंदु पर जांच कर रही है। धर्मवीर से संबंधित उपलब्ध सुराग के आधार पर पुलिस टीम दबिश दे रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार धर्मवीर की ओर से इस्तेमाल की जा रही एक बीएसएनएल नंबर से दागी सफेदपोशों से होने वाली बातें उसकी जरायम पेशेवरों से नजदीकी ताल्लुकात सामने ला रही है। 99 बैच के धर्मवीर की हनक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भागलपुर में तैनात रहते हुए 2008-11 में पुलिस मेंस एसोसिएशन पद पर जीत हासिल कर ली थी।
धर्मवीर का मुंगेर, खगडिय़ा, बांका, गोड्डा के जरायम पेशेवरों से काफी नजदीकी रही है। पुलिस केंद्र में भी वह हमेशा बाहरी लोगों से घिरा रहता था। उसके पास खगडिय़ा, बांका, गोड्डा, मुंगेर से मिलने चार पहिया वाहन से आने वालों की लाइन लगी रहती थी। जब तक भागलपुर में तैनाती रही वह अपने चहेते जवानों को मनचाहे स्थानों पर तैनाती कराता रहा। शहर के व्यस्त इलाकों के अलावा कचहरी चौक से घंटा घर, खलीफाबाग तक के इलाके में अतिक्रमण कर दुकान चलाने, भारी वाहनों को व्यस्त समय में माल ढुलाई और खाली कराने वाले उसकी चाकरी करते थे।