Munger Durga Visarjan Case : प्रतिमा विसर्जन की रात पुलिस ने की थी फायरिंग की शुरुआत, रिपोर्ट में खुलासा
Munger Durga Visarjan Case मुंगेर में बवाल के पहले दिन पुलिस ने ही पहली फायरिंग की थी। इसका पर्दाफाश केंद्रीय ओद्यौगिक सुरक्षा बल की इंटरनल रिपोर्ट से हुआ है। वहीं इस मामले में डीआइजी मनु महाराज ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
मुंगेर, जेएनएन। Munger Durga Visarjan Case : 26 अक्टूबर की रात विसर्जन जुलूस के दौरान फायङ्क्षरग में अनुराग पोद्दार की मौत मामले में मुंगेर पुलिस की चूक का पर्दाफाश हो गया है। जांच में केंद्रीय ओद्यौगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक फायरिंग की शुरुआत पुलिस ने ही की थी। जबकि मुंगेर पुलिस का दावा था कि उपद्रव कर रहे लोगों ने फायङ्क्षरग की थी। उपद्रवियों की गोली से ही अनुराग की मौत हुई थी। एसपी लिपि सिंह ने भी हिंसा को असामाजिक तत्वों की हरकत बताया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को निशाना बनाकर असामाजिक तत्वों ने पथराव किया और भीड़ पर फायरिंग कर शहर में अफवाह फैलाई। फिलहाल सीआइएसफ की इंटरनल रिपोर्ट के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इंटरनल रिपोर्ट में हवाई फायर का जिक्र किया गया है। सीआइएसफ के पटना स्थित ईस्ट रेंज के डीआइजी ने 27 अक्टूबर को रिपोर्ट तैयार की और ईस्ट जोन के आइजी और दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेजी। चुनाव आयोग ने पूरी घटना की जांच की जिम्मेदारी मगध के प्रमंडलीय आयुक्त असंगबा चुबा को सौंपी है। मुंगेर के डीआइजी मनु महाराज ने बताया कि सीआइएसफ की रिपोर्ट आने की सूचना है। रिपोर्ट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सीआइएसफ जवान ने इंसास राइफल से हवा में दागी थीं गोलियां
रिपोर्ट के मुताबिक 26 अक्टूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर सीआइएसफ के 20 जवानों की टुकड़ी, कोतवाली पुलिस के आदेश पर मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजी गई थी। पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो ग्रुप में बांट दिया। इनमें से एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया। रात के करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव किया था। हालात को काबू करने के लिए स्थानीय पुलिस ने सबसे पहले हवाई फायङ्क्षरग की। इसकी वजह से श्रद्धालु ज्यादा उग्र हो गए और पत्थरबाजी तेज कर दी। हालात काबू से बाहर होते देख सीआइएसफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया ने अपनी इंसास राइफल से करीब एक दर्जन गोलियां हवा में दागी थी। तब स्थिति नियंत्रित हुई।