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Munger Durga Visarjan Case : कार्रवाई में देर से फूटा गुस्सा, एसपी-डीएम के खिलाफ लोगों में नाराजगी, जमकर लगाए गए नारे

Munger Durga Visarjan Case मुंगेर के लोगों को गुस्सा कार्रवाई में देरी को लेकर फुट पड़ा। लोगों ने कहा कि अनुराग को इंसाफ दिलाने तक लड़ाई जारी रख जाएगा। वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों में एसपी और डीएम के खिलाफ काफी नाराजगी दिखी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:02 PM (IST)
Munger Durga Visarjan Case :  कार्रवाई में देर से फूटा गुस्सा, एसपी-डीएम के खिलाफ लोगों में नाराजगी, जमकर लगाए गए नारे
मुंगेर में थाना के पास प्रदर्शन करते लोग।

मुंगेर, जेएनएन। Munger Durga Visarjan Case : योगनगरी के नाम से मशहूर मुंगेर का मिजाज शांत है। मुंगेर के बगल से कल-कल, छल-छल कर पतित पावनी गंगा बहती है। बिल्कुल शांत। मुंगेर के लोगों का मिजाज भी गंगा की तरह शांत है। यहां के लोग अमूमन ङ्क्षहसक आंदोलन पर उतारू नहीं होते हैं। बाढ़-बरसात के समय जब गंगा उफान पर होती है, तो अपने साथ सबकुछ बहा ले जाने पर उतारू हो जाती है।

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गुरुवार को मुंगेर के लोगों का मिजाज भी बाढ़ की गंगा की तरह उग्र हो गया था। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर मुंगेर के आम लोगों की भावनाएं और प्रशासन की जिद नवरात्र प्रारंभ होने के साथ ही आमने-सामने की स्थिति में पहुंच गई थी। कोरोना संकट और विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूजा समिति को 25 अक्टूबर को ही प्रतिमा का विसर्जन करने के निर्देश दिया जाने लगा। पूजा समिति के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन के इस निर्णय पर विरोध जताया। श्रद्धालुओं का स्पष्ट कहना था कि मां की प्रतिमा दसवीं के बाद ही विसर्जित की जा सकती है। कई दौर की बैठक हुई। जिला प्रशासन ने 26 को विसर्जन कराने का निर्देश दिया। बुझे मन से लोगों ने जिला प्रशासन के निर्देश को मान लिया। मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन की पुरानी परंपरा है। बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा का विसर्जन होने के बाद ही अन्य प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा भी 32 कहारों के कंधे पर सवार होकर विसर्जन के लिए निकलती है। इस दौरान शहर में जगह जगह मां की भव्य आरती की जाती है। विसर्जन में देर हो रही थी। पुलिस जल्दी से जल्दी प्रतिमाओं का विसर्जन कराने पर आमदा थी। इसी बीच पूजा समिति और पुलिसकर्मीयों के बीच कहासुनी शुरू हुई। पथराव, लाठीचार्ज और गोलीबारी तक की घटना घटी। गोलीबारी में अनुराग की मौत हो गई। अनुराग दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा देखने घर से निकला था। इस घटना में आधे दर्जन अन्य लोग घायल हो गए। पथराव की घटना के बाद पुलिस ने जिस तरीके से लाठियां बरसाई और कई लोगों को हिरासत में लिया, उसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। अनुराग की मौत ने पूरे शहर को उद्वेलित कर दिया। लोग दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इधर, विसर्जन के बाद जिला और पुलिस प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गया। मुंगेर के आम जनमानस में पनप रहे आक्रोश का जिला प्रशासन अंदाजा नहीं लगा सका। मुंगेर में आम लोगों ने बुझे मन से मतदान में हिस्सा लिया। समय पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण आखिरकार गुरुवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दिन भर मुंगेर की सड़कें बवाल से पटी रहीं। हजारों की संख्या में युवा तालियां बजाते हुए मुंगेर पुलिस हाय-हाय, मुंगेर एसपी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। चौक-चौराहों पर टायर जलाकर युवाओं ने प्रदर्शन किया।


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