Munger Corona News : संग्रामपुर में टीकाकरण का रफ्तार धीमा, दूसरे डोज के लिए भटक रहे लोग
मुंगेर में टीकाकरण की रफतार धीमी है। संग्रामपुर में दूसरे डोज के लिए लोग भटक रहे हैं। यहां 100 में 50 फीसद भी लोगों को मंगल टीका नहीं पड़ा है। अभी तक महज 22 फीसद लोगों को टीका लगा है।
संग्रामपुर (मुंगेर) [आनंद चौहान]। कोरोना वैक्सीनेशन का जिले के सुदूर प्रखंड संग्रामपुर का हाल काफी दयनीय है। यहां 100 में 50 फीसद भी लोगों को मंगल टीका नहीं पड़ा है। अभी तक महज 22 फीसद लोगों को टीका लगा है। टीकाकरण के लिए केंद्र, राज्य और जिला प्रशासन की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोग टीका लेने के लिए केंद्र भी पहुंच रहे हैं। लेकिन, टीका उपलब्ध नहीं होने से संग्रामपुर के लोगों को केंद्र से मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में नियमित रूप से टीकाकरण नहीं हो रहा है। 10 से 15 दिनों के अंतराल पर टीका देने का काम बंद कर दिया जा रहा है। ऐसे में जो पहला टीका टीका ले लिए हैं, उन्हें काफी परेशानी हो रही है। मोबाइल पर लगातार संदेश आ रहा है कि दूसरे खुराक निर्धारित समय पर लें। लोग टीका लगाने के लिए केंद्र भी पहुंचते हैं तो उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है।
सब कुछ बयां कर रहा टीकाकरण का आंकड़ा
प्रखंड में जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार प्रखंड में 74,238 लोगों को टीका दिया जाना है। प्रखंड में अबतक कुल 19,950लोगों को ही टीका लगा है। इसमें 16899 लोग प्रथम खुराक लिए हैं। वहीं, 3051 लोगों ने दूसरा डोज लिया है। 18वर्ष से ज्यादा उम्र वाले 57,539 लोगों ने टीके के पहला डोज लिया है। दूसरे डोज में 71,187 लोगों को अभी दिया जाना है। टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य के प्रथम खुराक 22.76 फीसद व दूसरे खुराक 4.11 फीसद है।
13 दिनों से बंद है टीका का काम
प्रखंड में 17 जुलाई से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में टीकाकरण का कार्य पूरी तरह से बंद है। जबकि जिले के तारापुर, हवेली खडग़पुर, असरगंज,टेटिया बंबर आदि प्रखंडों में लगातार टीकाकरण कार्यक्रम जारी है। इससे लोगों में सरकारी व्यवस्था पर नाराजगी जता रहे हैं। सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए प्रखंड जदयू अध्यक्ष कमल नयन ङ्क्षसह, जिला जदयू महासचिव ठाकुर अनुरंजन ङ्क्षसह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में नियमित टीकाकरण की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।
केस स्टडी-एक
लक्ष्मीपुर चंदनिया गांव के विपिन बिहारी ङ्क्षसह ने कहा कि दो मार्च को पहला टीका दिया गया। अब दूसरे डोज के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। जब भी दूसरे डोज का टीका लेने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाता हूं तो कहा जाता है कि टीका नहीं है। इसके लिए दोषी कौन? सरकारी व्यवस्था या फिर विभागीय लापरवाही।
केस स्टडी- दो
प्रखंड के सुपौर जमुआ गांव के गांव के गोल्डन ङ्क्षसह ने बताया कि कई दिनों से 12किलोमीटर दूरी तय कर प्रथम डोज का वैक्सीन लेने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहा हूं। जहां वैक्सीन की अनुपलब्धता बताई जाती है। हर दिन निराश होकर वापस घर जा रहा हूं। सरकार को इसमें सुधार करने की जरूरत है।
कोट
जिस दिन वैक्सीन आपूर्ति की जाती है,उसी दिन सुबह में सूचना दी जाती है।17जुलाई के बाद से किसी तरह की सूचना नहीं है। वैक्सीन की कमी के कारण खासकर युवाओं के आक्रोश का सामना करना पड़ता है।
-डा. उपेंद्र कुमार ङ्क्षसह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी।
कोट
वैक्सीन की आपूर्ति कम होने के कारण सिर्फ शहरी क्षेत्र में आपूर्ति की जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि असरगंज और टेटिया बंबर अर्बन क्षेत्र में आता है क्या, तो उन्होंने कहा कि दोनों प्रखंडों में टीकाकरण शुरू होने वाला था इसलिए दिया गया। जल्द ही में संग्रामपुर को टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा। -डा.हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन।