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खगडिय़ा लोकसभा से ढाई लाख से अधिक मतों से हारे थे मुकेश सहनी, तब नहीं थे एनडीए में

बिहार सरकार में इस बार मुकेश सहनी को मंत्री बनया गया है। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके पूर्व वे लोकसभा चुनाव भी लड़े थे। खगडि़या लोकसभा से वे चुनाव हार गए थे। उस समय वे महागठबंधन के साथ थे।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 08:00 AM (IST)
खगडिय़ा लोकसभा से ढाई लाख से अधिक मतों से हारे थे मुकेश सहनी, तब नहीं थे एनडीए में
खगडि़या लोकसभा में मुकेश सहनी को 267623 और लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर को 510193 मत मिले थे।

खगडिय़ा  [अमित झा]। विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी दरभंगा जिले के सुपौल बाजार के रहने वाले हैं। मुकेश सहनी मुंबई जाने के बाद वहां एक कॉस्मेटिक शॉप में बतौर सेल्समैन कार्य करते थे। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड फिल्में, टीवी शो और अन्य शो के सेट डिजाइन करने का कार्य आरंभ किया। नितिन देसाई ने उन्हें देवदास का सेट बनाने का ऑफर दिया। काम में सफल हुए तो उन्होंने अपने नाम से एक कंपनी बना ली। नाम दिया- मुकेश सिने सिने वर्रल्ड प्राइवेट लिमिटेड।

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उन्होंने इसके अलावा इवेंट मैनेजमेंट का काम भी किया। देखते ही देखते उन्होंने इंडस्ट्री में काम के साथ-साथ नाम और पैसा भी कमा लिया। हालांकि, सामाजिक कार्य और राजनीति में दिलचस्पी के कारण उन्होंने इस फर्म को चलाने के लिए कुछ रिश्तेदार इसमें रखे, ताकि  'सियासी हसरतों' को भी वक्त दे सकें।

वर्ष 2010 में उन्होंने बिहार में सहनी समाज कल्याण संस्थान की स्थापना की। दरभंगा और पटना में एक-एक दफ्तर खोले। इस फाउंडेशन के जरिए उन्होंने लोगों से कहा कि वे पढ़ें-लिखें और आगे बढ़ें। साथ ही सियासत में भी रुचि लें। साल 2013 में सन ऑफ मल्लाह के रूप में अपने आप को प्रस्तुत करते हुए अपना प्रचार प्रसार अभियान चलाया। मुकेश सहनी सन ऑफ मल्लाह नाम के साथ अपने समाज के लोगों से मेल मिलाप कर सियासी जमीन तलाशने के साथ राजनीति में उतर गए और विकासशील इंसान पार्टी बनाया। वर्ष 2019 के चुनाव में वे खगडिय़ा लोकसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में थे। मुकेश सहनी खगडिय़ा में लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर के हाथों ढाई लाख से ज्यादा वोटों से हार गए। आरजेडी की पूरी फौज उस चुनाव में सहनी के पीछे खड़ी रही, तब भी वे 27 फीसद वोट ही झटक पाए। मुकेश सहनी को 2,67623 मत और लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर को 5,10,193 मत मिले थे।


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