बेटी की उपलब्धि पर मां की खुशी सातवें आसमान पर
पहली बार बिहार की किसी बेटी के नाम हुआ अर्जुन अवार्ड।
जमुई । खेल के क्षेत्र में प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड बिहार की किसी बेटी के नाम पहली बार होते ही जमुई रोमांचित हो उठा। राष्ट्रपति भवन में जमुई और बिहार की बेटी श्रेयसी को राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद के हाथों सम्मानित किए जाने के साथ ही जगह-जगह खेल प्रेमी जश्न में डूब गए और श्रेयसी के पैतृक गांव गिद्धौर सहित जमुई के अन्य हिस्से में खेल प्रेमियों, खिलाडि़यों व श्रेयसी और उनके परिवार के शुभ¨चतकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई तथा अबीर-गुलाल और पटाखों के बीच जश्न मनाया। बेटी की इस उपलब्धि पर मां पुतुल सिंह की खुशी भी सातवें आसमान पर है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जमुई के लोगों के बीच दादा के नाम से लोकप्रिय रहे स्वर्गीय दिग्विजय ¨सह की पुत्री श्रेयसी की अर्जुन अवार्ड हासिल करने में लगन और मेहनत निश्चित तौर पर काम आया है। इससे इतर भी कई शक्तियां श्रेयसी के साथ खड़ी थी जो इस मुकाम को हासिल करने में श्रेयसी के लिए सहायक बनी। इन शक्तियों में बकौल श्रेयसी, पिता की प्रेरणा और आशीर्वाद के साथ ही उनके गुजरने के बाद उनकी मां व पूर्व सांसद पुतुल ¨सह का कदम-कदम पर मिला सहयोग और उत्साहवर्द्धन के बगैर इस कठिन कामयाबी पाना मुश्किल था। श्रेयसी कहती हैं कि खेल के क्षेत्र में हासिल किए गए पदक ऐसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ मिलने से उसकी चमक बढ़ जाती है।
श्रेयसी की मां पूर्व सांसद पुतुल ¨सह बेटी को मिले अर्जुन अवार्ड से खुशी से अभिभूत हैं। वह कहती हैं कि किसी भी मां के लिए संतान की उपलब्धि से बढ़कर कुछ भी नहीं होता है। श्रेयसी सिर्फ मेरी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय की ही नहीं बल्कि जमुई, बांका और बिहार के साथ ही देश की बेटी है। देश के लिए पदक जीतना और फिर प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड हासिल कर श्रेयसी ने आठ वर्ष पूर्व दिवंगत पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। आज वे होते तो शायद इस खुशी के क्षण में कुछ और ही होता। यहां बताते चलें कि शू¨टग के प्रति श्रेयसी के पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय ¨सह एवं दादा स्व. कुमार सुरेन्द्र ¨सह उर्फ हरि जी का लगाव उल्लेखनीय है और दोनों ही नेशनल रायफल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। पिता ने ही श्रेयसी को शू¨टग के क्षेत्र में देश के लिए पदक जीतने की प्रेरणा दी थी।