सृजन घोटाला : जिला परिषद मामले में आज होगी मनी सूट पर बहस Bhagalpur News
जिला परिषद से एक अरब 19 करोड़ 34 लाख 63 हजार 337 रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में भेजे गए थे।
भागलपुर, जेएनएन। जिला परिषद ने इंडियन बैंक के खिलाफ मनी सूट दायर किया है। मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी। दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें न्यायालय के समक्ष रखेंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा के खिलाफ कागजात में कुछ कमी रह जाने के कारण अगले महीने मनी सूट दायर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जिला परिषद ने तीन वाउचर भारतीय स्टेट बैंक से मांगा है। एक वाउचर मिल गया है। दो और वाउचर मिलने के बाद मनी सूट दायर करने की कार्रवाई शुरू होगी।
जिला परिषद से एक अरब 19 करोड़ 34 लाख 63 हजार 337 रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में भेजे गए थे। डीएम प्रणव कुमार ने जुलाई में सृजन घोटाला से जुड़े विभागों को मनी सूट दायर करने का आदेश दिया था। इससे पहले जिला परिषद से जुड़े सृजन घोटाले की जांच छह सदस्यीय टीम ने की थी। जांच में जिला परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों को क्लीन चीट दी गई थी। घोटाले के लिए इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था।
2006 से 2009 के बीच गई थी राशि : 12 दिसंबर 2006 से 22 अक्टूबर 2009 के बीच लक्ष्मी प्रसाद चौहान जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) थे। इनके कार्यकाल में दो करोड़ से अधिक राशि सृजन के खाते में भेजी गई। 22 अक्टूबर 2009 से 28 दिसंबर 2012 तक गजानंद मिश्र सीईओ थे। 19 करोड़ 42 लाख चार हजार 150 रुपये बैंक के माध्यम से सृजन के खाते में भेजे गए। 29 दिसंबर 2012 से 17 अप्रैल 2013 तक प्रभात कुमार सिन्हा सीईओ थे। इनके कार्यकाल में 22 करोड़ 31 लाख 89 हजार 751 रुपये सृजन के खाते में भेजे गए। 22 अप्रैल 2013 से 12 दिसंबर 2014 तक राजीव प्रसाद सिंह रंजन थे। इनके कार्यकाल में 23 करोड़ 76 लाख आठ हजार 809 रुपये सृजन के खाते में भेजे गए। 13 दिसंबर 2014 से तीन अगस्त 2015 तक चंद्रशेखर सिंह सीईओ थे। इनके कार्यकाल में 46 करोड़ 48 लाख 93 हजार 559 रुपये जमा हुए। 18 अगस्त 2015 से 23 अगस्त 2017 तक अमित कुमार सीईओ थे। इनके कार्यकाल में पांच करोड़ 35 लाख 67 हजार रुपये बैंक के माध्यम से सृजन के खाते में जमा हुए।
पांच चेक के माध्यम से भेजी गई थी राशि
पांच चेक के माध्यम से राशि जिला परिषद से बैंक ऑफ बड़ौदा भेजी गई थी। प्रत्येक चेक से दो-दो करोड़ रुपये भेजे गए थे। शेष राशि डायवर्ट कर सृजन में भेजी गई थी। जिला परिषद के चेक पर उप विकास आयुक्त के कार्यालय की मुहर है। जिला परिषद की जगह उप विकास आयुक्त की मुहर रहने के बावजूद बैंक ने चेक को जमा कर राशि सृजन के खाते में भेज दिया। उस समय जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी लक्ष्मी प्रसाद चौहान थे।