Chirag Paswan: PM मोदी के हनुमान को नहीं मिला मंत्रिमंडल में स्थान, 9 जुलाई को जमुई सांसद क्या कुछ करेंगे खास?
Modi Cabinet Expansion जमुई सांसद चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हैं। ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल में उनको जगह मिलते नहीं दिखाई दे रही है। चर्चा है कि चाचा पशुपति पारस को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर...
ऑनलाइन डेस्क, भागलपुर। Modi Cabinet Expansion: पीएम नरेन्द्र मोदी (pm Narendra modi) के मंत्रिमंडल का विस्तार आज शाम छह बजे होगा। कैबिनेट विस्तार में एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार से तीन नेताओं को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाएगी। इनमें जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह, लोजपा से पशुपति कुमार पारस और सुपौल से जेडीयू सांसद दिलेश्वर कामैत का नाम सामने आ रहा है। ऐसे में मोदी के हनुमान यानि चिराग पासवान (Chirag Paswan) को निराशा हाथ लगते दिख रही है।
लोजपा में हुई दो फाड़ के बाद से लगातार जमुई सांसद चिराग पासवान पीएम मोदी की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे थे। मीडिया स्टेटमेंट में वे इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान राम के भक्त हनुमान की तरह पूजा है। संकट में उनका साथ दिया है। ऐसे में जब चिराग अपने राजनीतिक करियर में निराश हैं, तब केंद्र की मोदी सरकार से भी उन्हें कुछ मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सह लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान इन दिनों बिहार में ही हैं। पिता की जयंती पर उन्होंने आशीर्वाद यात्रा निकाली और पटना में आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने पहुंचे। इस दौरान उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। लिहाजा, वे धरने पर बैठ गए। चिराग बिहार में नए-नए राजनीतिक समीकरणों को हवा देते दिखाई दे रहे हैं।
9 जुलाई का जिक्र आगे करेंगे, इससे पहले चिराग का एक और स्टेटमेंट भी जानना बेहद जरूरी हो जाता है। मंगलवार को पीएम मोदी के मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि यदि लोजपा कोटे से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो वे कोर्ट जाएंगे।
जमुई सांसद ने कहा कि मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, पार्टी भी मेरी है। समर्थन भी मेरे पास है। मेरी अनुमति के बिना, पार्टी के कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री बनाना गलत है। ऐसे में यदि चाचा पशुपति पारस को मोदी मंत्रीमंडल में जगह मिलती है, तो खुद को मोदी के हनुमान बताने वाले चिराग क्या मोदी के खिलाफ होंगे? ये बड़ा सवाल उठ रहा है।
9 जुलाई का दिन खास
दरअसल, चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा का संभावित पड़ाव 9 जुलाई को उनके पिता के पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी गांव में हैं। रामविलास पासवान की जयंती के दिन उनके पैतृक आवास पर लोजपा ने नहीं, बल्कि आरजेडी ने कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में चिराग पासवान की पहली मां का सम्मान भी आरजेडी ने किया। 9 जुलाई का दिन इन्हीं नए राजनीतिक समीकरणों को तूल देता दिखाई दे रहा है।
रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी का पैतृक गांव में अन्य जगह पशुपति पारस गुट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल न होना, उससे पहले चिराग के पक्ष पर प्रतिक्रिया देना ये स्पष्ट कर रहा है कि चिराग की पहली मां भी अपने बेटे का पूरा सपोर्ट कर रहीं हैं। 9 जुलाई को जब चिराग पासवान शहरबन्नी गांव पहुंचेंगे, तो जरूर कुछ नया ऐलान करेंगे। ऐसी हवा चल रही है।
बहरहाल, जमुई सांसद चिराग पासवान और भारतीय सबलोग पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार के बीच हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा भी तेज कर दी है कि पूर्व सांसद जल्द ही लोजपा का ज्वाइन कर लेंगे। अरुण कुमार के बारे में बताएं, तो पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और अरुण ने मिलकर ही रालोसपा का गठन किया था। लेकिन वे पार्टी से अलग हो गए। इन दिनों जहां चिराग अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं, तो अरुण भी अकेले हैं। दोनों का एक साथ आना लगभग तय माना जा रहा है।