पेट्रोल और डीजल के दाम में मामूली कटौती कर जनता की आंखों में धूल झोंक रही है केन्द्र सरकार
मोदी सरकार ने पिछले नौ माह में पेट्रोल के दामों में 15.68 रुपये और डीजल के दामों में 17.55 रुपये की वृद्धि किया है। अब मामूली कटौती कर केन्द्र सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है।
भागलपुर (जेएनएन)। युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में 2.50 रुपये की कटौती की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने पिछले नौ माह में पेट्रोल के दामों में 15.68 रुपये और डीजल के दामों में 17.55 रुपये की वृद्धि कर पुराने सारे रिकार्ड ध्वस्त करने का काम किया है। अब मामूली कटौती कर जनता की आंखों में धूल झोंक रही है। केंद्र सरकार सचमुच अगर जनता का हितैषी है और महंगाई से राहत पहुंचाना चाहती है तो अविलंब पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए।
मोदी सरकार ने साढ़े चार साल के शासनकाल में पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 11.77 रुपये उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी करने का काम किया हैं। वही, यूपीए की सरकार में पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये उत्पाद शुल्क था। आज मोदी सरकार में पेट्रोल पर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.34 रुपये उत्पाद शुल्क वसूल रही है। दूसरी तरफ नीतीश सरकार पेट्रोल पर 24.21 रुपये और डीजल पर 18.34 रुपये उत्पाद शुल्क लेती है। मोदी और नीतीश सरकार पेट्रोल पर 43.69 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 33.67 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क के नाम पर मुनाफा कमा रही हैं। मोदी सरकार ने सिर्फ उत्पाद शुल्क के नाम पर 11 लाख करोड़ रुपये कमाने का काम किया है।