जांच को भेजे गए 250 दवा के नमूने, मिली 45 की रिपोर्ट
बिहार ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी के ढुलमुल रवैये की वजह से दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट भेजने में महीनों लग जाते हैं।
भागलपुर। बिहार ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी के ढुलमुल रवैये की वजह से दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट भेजने में महीनों लग जाते हैं। डेढ़ वर्ष में जिले की दवा दुकानों में औषधि निरीक्षकों द्वारा की गई छापेमारी के दौरान 250 दवा के नमूने बिहार ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी जांच के लिए भेजे गए। लेकिन मात्र 45 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई। जांच रिपोर्ट में कुछ भी गड़बड़ी नहीं पाई गई।
औषधि निरीक्षकों द्वारा वर्ष 2017 से लेकर 13 जून 2018 तक 12 दवा दुकानों में छापेमारी की गई। यह छापेमारी प्रशासन के निर्देश पर की गई। इसके अलावा प्रतिमाह 15 से 20 दवा दुकानों में औचक निरीक्षण भी किए गए। कुल 250 दवा के नमूनों को जांच के लिए भेजे गए। स्थिति यह है कि 2017 के जनवरी, फरवरी और मार्च में भेजे गए दवा नमूनों की पूरी जांच रिपोर्ट अबतक औषधि निरीक्षक कार्यालय में नहीं मिली है। अबतक मात्र 45 दवा की जांच रिपोर्ट भेजी गई है। भेजे गए नमूनों में कई ऐसी दवाएं होंगी जो मानक के मुताबिक नहीं होगी अथवा नकली होंगी। लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं मिलने की स्थिति में दवा दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं की गई है।
हालांकि छापेमारी की गई अधिकांश दवा दुकानों में दवा की खरीद-बिक्री का विपत्र में गड़बड़ी पाई गई। फार्मासिस्ट नहीं मिले। करीने से दवाएं रखी हुई नहीं मिलीं। औषधि निरीक्षकों ने बताया कि छापेमारी के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस भी नहीं मिलती।