नीरा से तैयार हो रहे गुड़-पेड़ा समेत कई तरह के उत्पाद, भागलपुर में जीविका दीदी ने समूह बनाकर शुरू किया काम
भागलपुर में नीरा से कई तरह के उत्पाद तैयार कर जीविका दीदी अच्छी कमाई कर रही है। इसके लिए एक समूह बनाया गया है। समूह में 25 जीविका दीदी है। नीरा से गुड़ पेड़ा समेत कई तरह के उत्पाद...
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जगदीशपुर में जीविका दीदी समूह बनाकर नीरा के व्यंजन तैयार कर रहीं हैं। पिस्ता गांव में नीरा का उत्पादक समूह चलाया जा रहा है। समूह से 25 जीविका दीदी जुड़ी हैं। नीरा से गुड़, पेड़ा, बोतल बंद नीरा आदि तैयार कर बेच रही हैं। शनिवार को जीविका दीदियों ने नीरा लाकर जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को चखने दिया।
नीरा उत्पादन करने वालों की होगी खोज, दिया गया प्रशिक्षण
समाहरणालय स्थित समीक्षा भवन में जिला स्तरीय नीरा सर्वेक्षण नोडल पदाधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने सर्वेक्षण कार्य को पूर्ण मनोयोग से समय से निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के आलोक में पारंपरिक रूप से ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े परिवारों के सर्वेक्षण के पश्चात उन्हें सतत जीवकोपार्जन योजना, जीविका द्वारा संचालित अन्य योजनाओं एवं आजीविका के अन्य माध्यमों से जोडऩा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित नोडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सर्वेक्षण कार्य के दौरान पारंपरिक रूप से ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री कार्य में संलग्न व्यक्तियों को सरकार द्वारा उनके हितार्थ संचालित योजनाओं, नीरा उत्पादन एवं इससे संबंधित व्यवसाय के संबंध जानकारी दी जाए एवं ऐसे परिवारों को आजीविका के अन्य माध्यमों से जुडऩे के लिए प्रेरित किया जाए।
सर्वेक्षण कार्य 15 फरवरी तक पूर्ण कर लिया जाना है। समीक्षा के क्रम में यह तथ्य उभरकर सामने आया कि प्राप्त दिशा निदेश के आलोक में प्राय: सभी प्रखंड में नोडल पदाधिकारियो की प्रतिनियुक्ति एवं सर्वेक्षण दल का गठन कर लिया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सर्वेक्षण कार्य के सुचारू क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई एवं निर्देश दिया गया कि सर्वेक्षण कार्य को पूर्ण मनोयोग से पूर्ण करते हुए प्रतिवेदन समय से उपलब्ध कराई जाए।
सर्वेक्षण कार्य के सुचारू क्रियान्वयन के उद्देश्य से सभी थाने को सर्वेक्षण कार्य मे आवश्यक सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक (जीविका) से सर्वेक्षण कार्य मे प्रभावशाली भूमिका निर्वहन की अपेक्षा की गई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी, डीपीएम (जीविका) चंदन कुमार सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।
नीरा से तैयार सामग्रियों की दी गई जानकारी
प्रशिक्षण में नीरा से बनाए गए विविन्न प्रकार की सामग्रियों के बारे में बताया गया। नीरा से गुड़, पेड़ा, बोतल बंद नीरा, कंडी के बारे में विस्तारपूर्वक दी गई। साथ ही उसके पत्ते से हस्तकला बनाकर बाजार में बेचने की जानकारी दी गई। नीरा का पीएच-6.5 से 8.5 होता है एवं ब्रिक्स 10-14 होता है। प्रशिक्षण में नीरा के बारे में विस्तार से बताया गया।
नीरा ताड़, खजूर या नारियल के पेड़ से निकलने वाला रस है। यह रस बहुत मीठा, पौष्टिक, नाशारहित एवं दूधिया रंग का होता है। नीरा निकालने के लिए लवणी में एक ग्राम चुना अंदर में लगाया जाता है और इसे धूप में सूखने के लिए रखा जाता है। जब सुख जाता है तो इसे सूर्य डूबने के बाद शाम को छह बजे लवणी पेड़ पर लगा दिया जाता है और सुबह में पांच बजे से पहले इसे उतार लिया जाता है। वह नीरा कहलाता है। नीरा को पीने से नशा नही आता है। नीरा में पाए जाने वाले तत्व शर्करा, विटामिन, खानिज-लवण, फास्फोरस, आयरन जैसे पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा पाई जाती है।