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बिहार विधानसभा में भागलपुर के कई मुद्दे... क्‍यों लगता है जाम, हवाई सेवा का क्‍या हुआ, मिला यह जवाब

बिहार विधानसभा में भागलपुर के कई मुद्दे उठे। भागलपुर शहर में लगने वाले जाम का मामला विधान परिषद में गूंजा। विधान परिषद सदस्य डा. संजीव कुमार सिंह ने उठाया जाम का मामला तो वहीं कहलगांव विधायक पवन यादव ने उठाया हवाई सेवा में विलंब क्‍यों।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 07:39 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 07:39 AM (IST)
बिहार विधानसभा में भागलपुर के कई मुद्दे... क्‍यों लगता है जाम, हवाई सेवा का क्‍या हुआ, मिला यह जवाब
भागलपुर में जाम की समस्‍या और हवाई सेवा का मुद्दा बिहार विधानसभा में उठा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार विधानसभा : शहर में लगने वाले जाम का मामला सोमवार को विधानसभा में गूंजा। विधान परिषद सदस्य डा. संजीव कुमार सिंह ने सदन में मामला उठाते हुए कहा कि क्या यह सही है कि भागलपुर जिला मुख्यालय में किसी भी पथ से प्रवेश के समय लगभग हर तरफ जाम की स्थिति बनी रहती है। जिसके कारण शहर की आंतरिक यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। यदि यह सही है तो सरकार स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित भागलपुर शहर में यातायात की सुगमता के लिए पटना की तर्ज पर गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण का विचार रखती है, ताकि शहर की पूर्ण यातायात व्यवस्था का समायोजन सुनिश्चित तरीके से संभव हो, यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्यों? पथ निर्माण मंत्री की ओर से उप सचिव ने जवाब देते हुए कहा है कि तकनीकी जानकारी प्राप्त कर समीक्षोपरांत संसाधन की उपलब्धता के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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गोशाला की जमीन बनाया जाए हवाई अड्डा

कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव ने हवाई अड्डा व हवाई सेवा शुरू करने का मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने पूछा है कि क्या यह बात सही है कि भारत सरकार की नई सिविल एविएशन पालिसी 2016 के अंतर्गत रिजनल कनेक्टीविटी स्कीम के तहत राज्य सरकार द्वारा भागलपुर हवाई अड्डा को भी इस योजना में शामिल किया गया, लेकिन प्रथम, द्वितीय, तृतीय राउंड की बिडिंग के बाद किसी भी प्राइवेट विमानन कंपनी ने भागलपुर से उड़ान के लिए बीड नहीं डाला। भागलपुर में बिहार सरकार के अधीन हवाई अड्डा की लंबाई 3200 फीट है, जो बड़े उड़ान के लिए अपर्याप्त है। भागलपुर से सटे गोराडीह प्रखंड में गोशाला की दो खंडों में 475 एकड़ जमीन है। उक्त जमीन से सटी जमीन का अधिग्रहण कर नया हवाई अड्डा बनाने का विचार किया जा सकता है। इसके जवाब में निदेशक संचालन शिव प्रकाश ने कहा है कि किसी भी हवाई अड्डा से व्यवसायिक उड़ान सेवा बहाल करने व हवाई अड्डा के निर्माण का निर्णय नागर विमानन मंत्रालय व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के द्वारा निहित शर्तों के अंतर्गत किया जाता है।


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