Move to Jagran APP

नववर्ष के जश्न के लिए यहां हैं कुछ खास इंतजाम, जानें... बेहतरीन स्पॉट

भागलपुर शहर के आसपास के क्षेत्रों में कई बेहतरीन स्पॉट हैं। जहां लोग नववर्ष का जश्न मनाने जा सकते हैं। वहीं, शहर से बाहर भी लोगों को बढ़िया जगह मिल सकता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 12:31 PM (IST)
नववर्ष के जश्न के लिए यहां हैं कुछ खास इंतजाम, जानें... बेहतरीन स्पॉट
नववर्ष के जश्न के लिए यहां हैं कुछ खास इंतजाम, जानें... बेहतरीन स्पॉट

भागलपुर [जेएनएन]। नए साल शुरु हो गया है। उमंग और तरंग से भरे नए साल का स्वागत करने के लिए होटल और क्लब जश्न का सिलसिला चल रहा है। नए साल का खुमार कई दिनों तक चढ़ा रहे इसको लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए विशेष कार्यक्रमों की अच्छी खासी सूची है। कहीं कपल को रिझाने के लिए विशेष तौर पर प्रबंध किए गए हैं तो कहीं शाम को संगीतमयी बनाने के लिए क्लबों व होटलों को सजाया जा रहा है।

loksabha election banner

भीखनपुर स्थित दुर्गेश्वर नाथ धाम में जहां शाम भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा तो कई होटलों में म्यूजिकल नाइट की तैयारी है। इसके अलावा छोटे होटलों से धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं ने भी नव वर्ष के स्वागत में पलक पांवड़े बिछाए हुए हैं। इस मौके को हर कोई भुनाना चाहता है।

नववर्ष के स्वागत को लेकर शहर के पार्क व मैदान ही नहीं होटल व रेस्तरां भी तैयारी में हैं। ग्राहकों को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक ऑफर व स्पेशल मेनू लेकर तैयार हैं। नववर्ष की शाम, आपके लिए खास हो, इसके लिए होड़ सी है। मनोरंजन के साथ लजीज व्यंजन परोसने की पूरी तैयारी है। कहीं डांस तो कहीं गीत-संगीत के आयोजन की तैयारी है। कई तो आने वालों को उपहार की सौगात देने की योजना बना चुके हैं। कई जगह गुलाब का फूल देकर नए साल की बधाई देने का प्लान है।

आतिशबाजी की भी तैयारी

कई जगह बोन फायर तो कई जगह आतिशबाजी की तैयारी है। युवाओं में इसे लेकर काफी उत्साह है। पार्क व खुले मैदान से दूर होटल व रेस्तरां में नववर्ष का धमाल मचाने वाले युवा, परिवार व कपल्स मनपसंद होटल व रेस्तरां की तलाश में लगे हैं। इधर, छोटे-छोटे रेस्टोरेंट भी नववर्ष पर अपने ग्राहकों के लिए कुछ विशेष करने की तैयारी में लगे हैं।

डीजे पर होगा धूम-धड़ाका

होटलों में नववर्ष का स्वागत खास तरीके से होगा। होटलों की तरफ से ओपेन टेरेस बुफे डिनर के साथ रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। भोजन के साथ मुफ्त मॉकटेल्स, डीजे, ट्रैक सिंगिंग, गेम्स, गिफ्ट, बोन फायर के साथ धूम-धमाका की व्यवस्था होगी। विजेता जोड़ी को होटल अपनी तरफ से मुफ्त डिनर कराएगा। होटलों में 31 दिसंबर की शाम से नववर्ष के स्वागत को धमाल शुरू हो जाएगा। यहां आने वाले मेनू में 32 व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। धमाल के लिए डीजे लाइव म्यूजिक व अंताक्षरी की खास व्यवस्था की जा रही है। बच्चों, परिवार व कपल्स के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। होटल सज-धज कर आने वालों का स्वागत गीत, संगीत व लजीज व्यंजनों के साथ करेगा। बच्चों के लिए टॉफी व खिलौनों की व्यवस्था होगी। इसके अलावा बावर्ची रेस्टोरेंट, फूड प्लाजा, मिलन, अतिथि समेत सभी छोटे-बड़े रेस्तरां भी बन-ठन रहे।

नववर्ष के दिन करें पर्यटन स्थलों की सैर

अगर आपको धूम-धड़ाका अगर पसंद नहीं है तो आप पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं। भागलपुर में कई ऐसे स्थान है जहां पर्यटक आसानी से भ्रमण कर सकते है। यहां के कुछ मुख्य आकर्षणों में से लाजपत पार्क, बूढ़ानाथ मंदिर, चंपानगर जैन मंदिर, घंटाघर, पीर बाबा की दरगाह, रविंद्र नाथ भवन, गुरुद्वारा, जयप्रकाश उद्यान, चिल्‍ड्रन पार्क, गंगा तट, सुंदर वन आदि हैं। बांका जिले में मंदार पर्वत, ओढऩी जलाशय, बिलासी डैम, चांदन डैम भी आप घूमने जा सकते हैं।

महर्षि मेंहीं आश्रम

यह एक रमणीक स्थल है। इसे कुप्पा घाट महर्षि मेॅहीॅ आश्रम के नाम से जाना जाता है। कुप्पा का अर्थ होता है गुफा, सुरंग या फिर घाट। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है। आश्रम के अंदर एक सुरंग है, जो मुंगेर को जोड़ती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महान संत महर्षि मेंहीं इसी गुफा में कई महीने चटाई पर बिताएं थे। जहां हर साल हजारों पर्यटक दर्शन करने आते है। महर्षि मेंहीं के भक्त हर साल यहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उत्सव को मनाते हैं। कुप्पाघाट में खूबसूरत बगीचे हैं, जिनका रामायण में उल्लेख किया गया है। लोगों का मानना है कि भगवान बुद्ध का जन्म इसी क्षेत्र में हुआ था।

अजगवीनाथ धाम

अजगवीनाथ धाम को अजगवीनाथ महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो भागलपुर का सबसे प्रसिद्ध है। यहां भगवान शिव की आराधना की जाती है। इस मंदिर का अस्तित्व अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। लोगों का मानना है कि यह स्वयं का स्थापित धाम है। अजगवीनाथ धाम एक एतिहासिक और पवित्र स्थल है। इस मंदिर का निर्माण एक पत्थर से हुआ है जिसे अविश्वसनीय तरीके से बनाया गया है। इस मंदिर में शिलालेखों को भी उत्कीर्ण किया गया है।

खानगाह-ए -शाहबाजिया

खानगाह-ए-शाहबाजिया मुसलमानों का एक पवित्र स्थल है। इस स्थल के बारे में कई फारसी और अरबी किताबों में उल्लेख मिलता है। खानगाह-ए-शाहबाजिया के पास में ही एक लाइबे्ररी है, जिसमें कई पारसी और अरबी किताबें है, जो यहां की सुंदरता और महत्व में चार चांद लगा देती है।

बूढ़ानाथ मंदिर

बूढ़ानाथ मंदिर को दुधेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो एक एतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर गंगा नदी के तट पर अवस्थित है।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय

विक्रमशिला विश्वविद्यालय भारत की प्राचीन बौद्ध शिक्षा देने वाली दो विश्वविद्यालयों में से एक है। जिसे पाल वंश के राजा ने स्थापित किया था। विक्रमशिला विवि की स्थापना राजा धर्मापाल ने की थी। जब उन्होंने नालंदा में शिक्षा की गुणवत्त्ता में गिरावट को महसूस किया था। विक्रमशिला विवि के खंडहरों में आज भी मार्बल के काम को देखा सकता है। यहां एक बड़ा सा वर्गाकार मठ है, जिसके केंद्र में एक स्तुप है। एक लाइब्ररी और स्तुप के क्लस्टर भी है। यहां खुदाई के दौरान तिब्बती और हिंदू धर्म के मंदिरों के अवशेष भी मिले हैं।

मंदार पर्वत

लगभग 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा पहाड़ है मंदार। इस पहाड़ के समीप बना स्टेशन मंदार हिल के नाम से जाना जाता है। हिंदू और जैन धर्म के लोगों के लिए इस पहाड़ पर मंदिर बने हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पहाड़ पर एक ज्योर्तिलिंग स्थापित किया गया था। साथ ही इस पहाड़ का उपयोग समुद्र मंथन के दौरान किया गया था। मंदार पर्वत के नीचे एक तालाब है, जिसे पापहारनी तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाब के बीच एक छोटा सा मंदिर है।

गंगा के कछार में भी आज पिकनिक मनाएंगे लोग


नये साल का जश्न मनाने की तैयारी गंगा नदी के कछार पर भी की गई है। बरारी, मीराचक, सबौर गंगा तट पर जगह-जगह बने कछार पर मंगलवार को पिकनिक मनाने की तैयारी की गई है। कछार पर जाने के लिए यंत्र चलित नौका और साधारण डेंगी का सहारा लिया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को कई नाव वालों को भी एडवांस रुपये देकर तैयार किया गया है। साधारण डेंगी से कछार पर पहुंचाने वाले पिकनिक दल से पांच सौ रुपये और यंत्र चलित नौका का एक हजार रुपये अदा किए जाने की बात कही जा रही है। यंत्र चलित नौका या साधारण डेंगी के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके पिकनिक मनाने वालों की अंदर ही अंदर पूरी तैयारी है। मालूम हो कि गंगा के कछार पर पूर्व में भी पिकनिक मनाने के दौरान डूबने की घटनाएं हो चुकी है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है कि ऐसे असुरक्षित पिकनिक स्पॉट पर डेंगी या यंत्र चलित नौका से कोई नहीं पहुंचे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.