मनीषा हत्याकांड, पूर्णिया : शम्स बोलेगा, सारे राज खोलेगा, 164 दिनों के बाद किया आत्मसमर्पण
पूर्णिया के चर्चित मनीषा हत्याकांड मामले का आरोप मो. शम्स पुलिस की पकड़ में आ गया है। उसने खुद 164 दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया। शम्स की गिरफ्तारी के बाद इस हत्याकंड का खुलासा होने की उम्मीद है। मनीषा की बेटी ने ही शम्स पर...
राजीव कुमार, पूर्णिया: चर्चित मनीषा हत्याकांड के एक मात्र आरोपी मो. शम्स ने घटना के 164 दिनों के बाद न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। अब आत्मसमर्पण के बाद आरोपी मो. शम्स रिमांड के दौरान पुलिस के समक्ष बोलेगा और मनीषा हत्याकांड का राज खोलेगा। न्यायालय में आरोपी के समर्पण करने की खबर मिलते ही पुलिस ने उसे तीन दिनों के रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस जल्द उसको रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय में अनुरोध पत्र दाखिल कर सकती है। मनीषा की हत्या आरोपी शम्स ने काफी शातिराना अंदाज में छह दिसम्बर 2021 को करके उसका शव नदी में फेंक दिया था। जिसके बाद मनीषा का् शव पुलिस ने नदी से बरामद किया था।
(मनीषा सिंह- फाइल फोटो)
बाद में जब तक पुलिस आरोपी मो. शम्स की गिरफ्तारी को लेकर शिकंजा कसती तब तक वह फरार हो गया था। उसने अपने मोबाइल फोन को फरार होने के बाद बंद कर लिया था तथा दिल्ली में जाकर शरण ले ली थी। उसकी गिरफ्तारी में बरती जा रही शिथिलता के कारण एसपी दयाशंकर ने जब इस मामले की समीक्षा की तो इस मामले में मुफ्फसिल थाना के पूर्व के थाना अध्यक्ष को लापरवाह मानते हुए तत्काल थाना से हटा दिया था। लंबे समय से फरार शम्स की तलाश में पुलिस लगातार दबिश बनाए हुई थी और आखिरकार पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण उसने न्यायालय के समक्ष शुक्रवार को आत्मसमपर्ण कर दिया।
एक नजर में मनीषा हत्याकांड
मनीषा की हत्या छह दिसम्बर को कर दी गयी थी। मनीषा की हत्या के बाद उसकी आठ वर्षीय पुत्री भी बेसहारा हो गयी है। मनीषा बेगूसराय की रहने वाली थी तथा 2013 में उसने अपने कालेज के साथी बेगूसराय निवासी शिव कुमार मिश्रा से 2013 में शादी की थी। इस शादी के बाद उसने एक बेटी तो भी जन्म दिया जो अभी आठ साल की है। लेकिन बाद के दिनों में इस दोनों के रिश्ते में खटास आ गयी तथा मनीषा और शिव कुमार के रास्ते अलग- अलग हो गए। इसके बाद मनीषा अपनी बेटी के साथ आकर पूर्णिया में रहने लगी तथा जीवन यापन के लिए उसने प्राइवेट नौकरी आटो मोबाइल्स के शो रूप में करना शुरू किया।
(मनीषा की आठ साल की बेटी)
इसी दौरान लालगंज का रहने वाला मो. शम्स नामक युवक उसके संम्पर्क में आया और दोनों एक दूसरे से जुड़ गए। मनीषा की हत्या के बाद उसकी एक मात्र बेटी ने इस राज पर से पर्दा उठाया था कि उसकी मां से मिलने अक्सर मो. शम्स आता था तथा घटना के दिन भी शम्स के फोन आने पर ही वह घर से बाहर निकली थी। उस मासूम बच्ची ने पुलिस को यह भी बताया था की शम्स ने उसे पुराने कपड़े पहनकर मिलने के लिए बाहर बुलाया था। शम्स मिल्की चौक पर पुराने वाहनों की खरीद बिक्री का काम करता था। बाद में जब पुलिस ने इस मामले की जांच की थी तो इस बात का खुलासा हुआ था की मनीषा एनं शम्स में लगातार लंबी बात होती थी।
मनीषा की हत्या के बाद मुखाग्नि भी नहीं हुई नसीब
मनीषा की हत्या के बाद उसकी आठ साल की बेटी तो बेसहारा हो ही गयी उसे भी मौत के बाद अपनों से मुखाग्नि तक नसीब नहीं हुई। पति ने तो पहले ही किनारा कर लिया था। मनीषा के माता पिता पहले दी इस दुनिया को छोड़ चुके थे। एक भाई था जो परदेश में था तो जब पुलिस ने उसे घटना की सूचना दी तो उसने भी तत्काल वहां पहुंचने से इंकार कर दिया जिसके बाद पुलिस ने किसी तरह मनीषा का दाह संस्कार तो करा दिया लेकिन दाह संस्कार के वक्त वहां कोई अपने मौजूद नहीं रहे। बताया जाता की मनीषा हत्याकांड का मुख्य आरोपी मो. शम्स ने मनीषा की क्यों और कैसे हत्या की इस बात का खुलासा तो उससे पूछताछ के बाद होगा लेकिन वह जितना शातिर है उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की वह पुलिस को भी मनीषा हत्याकांड के मामले में गोल- गोल कहानी सुनाकर गुमराह कर सकता है।
एसपी दयाशंकर ने कहा कि मनीषा हत्याकांड के मुख्य आरोपी मो. शम्स ने पुलिस के बढ़ते दबिश के कारण न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है, अब उसे पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी की घटना को उसने क्यों और कैसे अंजाम दिया।