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कटिहार में नहीं छंट पा रहा मनिहारी गंगा तट की किस्मत पर लगा ग्रहण, अब डिप्टी सीएम से बंधी है उम्मीद

-कटिहार जिले के मनिहारी गंगा तट के सौंदर्यीकरण का मामला वर्षो से अटका हुआ है। बहरहाल नगर विधायक के डिप्‍टी सीएम बनने से लोगों की उम्‍मीद जगी है। उन्‍हें भरोसा है इस बार घाट का सौंदर्यीकरण अवश्‍य होगा।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 12:38 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 12:38 PM (IST)
गंगा के मनिहारी तट पर स्‍नन के लिए जुटे श्रद्धालु। फाइल फोटो

कटिहार [प्रीतम ओझा] । पावन गंगा के मनिहारी तट की किस्मत पर लगा ग्रहण छंट नहीं पा रहा है। इस घाट के सौंद्रयीकरण की घोषणाएं सुन अब लोगों की कानें भी थक चुकी है। घाट के सौंद्रयीकरण की आशा में कई पीढ़ी स्वर्ग सिधार गई, लेकिन उम्मीदों की इस कश्ती को किनारा नहीं मिल पाया। अब सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद के डिप्टी सीएम बनने व नगर विकास विभाग की जिम्मेवारी भी उनके उपर रहने से एक नई उम्मीद जगी है। 

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आस्था के साथ व्यवसायिक द्र्ष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है मनिहारी घाट

मनिहारी गंगा घाट आस्था के साथ व्यवसायिक द्र्ष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। झारखंड के साहिबगंज व मनिहारी के बीच यात्री व माल वाहक जहाजों का परिचालन भी होता है। झारखंड से सीमांचल व कोसी के लिए गिट्टी इसी रास्ते से पहुंचता है और यह रोजगार का बड़ा माध्यम भी है। इधर गंगा से जुड़ी असीम आस्था के चलते यहां नित्य गंगा स्नान के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। कार्तिक पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा, गंगा दशहरा, सावन पूर्णिमा, दुर्गापूजा, दीपावली से छठ पूजा तक पड़ोसी राष्ट्र नेपाल, कोसी व सीमांचल के क्षेत्रों से यहां लाखों की संख्या में लोग गंगा स्नान को पहुंचते हैं। यह भी यहां के लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा माध्यम है। इसके अतिरिक्त औसतन आठ से दस शव का अंतिम संस्कार यहां नित्य होता है और इसको लेकर भी काफी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। इन सब के बावजूद यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। गंगा तट पर सौंदर्यीकरण, सीढ़ीनुमा घाट, विद्युत शवदाहगृह, शुद्ध पेयजल,सार्वजनिक शौचालय, ठहराव स्थल की व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है।

हर बार जगती है उम्मीद मगर यथावत रह जाती स्थिति

घाट के सौंद्रयीकरण को लेकर पहल होती रही है। अब तक चार जिलाधिकारियों ने इस दिशा में पहल की, लेकिन परिणाम अभी तक शून्य है। पूर्व डीएम ललनजी, मिथिलेश मिश्रा व पूनम कुमारी के अलावा वर्तमान जिलाधिकारी कंवल तनुज ने भी मनिहारी गंगा घाट के सौंद्रयीकरण को लेकर पहल की है। पूर्व डीएम मिथिलेश मिश्रा, विधायक मनोहर प्रसाद ङ्क्षसह, मुख्य पार्षद ममता देवी व मेयर सह वर्तमान बरारी विधायक विजय ङ्क्षसह ने तो गंगा तट पर शौचालय निर्माण की आधारशिला तक रखी थी, परंतु आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया। विधायक मनोहर प्रसाद ङ्क्षसह ने भी यह मामला विधानसभा में उठाया, लेकिन आज तक पहल नदारद रही।

विधान पार्षद के कोष से ही हुआ है एक सामुदायिक भवन का निर्माण

इस घाट पर विकास के नाम पर अब तक विधान पार्षद अशोक कुमार अग्रवाल के कोष से एक सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ है। इसके अलावा नगर पंचायत मनिहारी के सौजन्य से आधा दर्जन मूत्रालय की व्यवस्था की गई है। फिलहाल उप मुख्यमंत्री पर लोगों की निगाहें टिकी हुई है।

क्या कहते हैं विधायक

मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद सिंह ने कहा कि गंगा तट के सौन्दर्यीकरण, विद्युत शवदाहगृह सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर विधानसभा के पटल पर कई बार उनके द्वारा बातें रखी गई है। पूर्व में अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के कारण मामला अटका रह गया। कुछ माह पूर्व स्थानीय अधिकारियों द्वारा पुन: विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। वे इसको लेकर सतत प्रयत्नशील हैं। जल्द ही इस दिशा में ठोस पहल होगी।

ठोस पहल के लिए जल्‍द डिप्‍टी सीएम से मिलुंगी

मनिहारी नगर पंचायत की मुख्य पार्षद ममता देवी ने कहा कि गंगा तट के सौन्दर्यीकरण, सीढ़ीनुमा घाट सहित अन्य मुकम्मल व्यवस्था के लिए वे जल्द ही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से भेंट करेंगी। साथ ही इसकी पूरी जानकारी देते हुए इस दिशा में ठोस पहल करने का अनुरोध किया जाएगा।

कोरोना काल के कारण कार्य में हुआ विलंब

नगर पंचायत की कार्यपालक पदाधिकारी सोनी कुमारी ने कहा कि विभाग द्वारा विद्युत शवदाहगृह, शौचालय सहित अन्य सुविधाओं को लेकर आवश्यक रिर्पोट मांगी गई थी। यह रिर्पोट विभाग को भेजी जा चुकी है। सामुदायिक शौचालय व विद्युत शवदाहगृह के लिए जमीन गंगा घाट पर सीओ द्वारा उपलब्ध कराई गई है। सीढ़ीनुमा घाट के लिए जेई दुआरा स्टीमेट तैयार किया गया है। इसे अंतिम रूप देने के लिए कार्यपालक अभियंता के पास भेजा जा रहा है। कोरोना के कारण कार्य में विलंब हुआ है।


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