तांत्रिक के बहकावे में आकर पहले भी यहां दी गई है नरबलि, जानिए... Bhagalpur News
भागलपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में नरबलि की अक्सर घटनाएं घटती रहती है। तांत्रिक के बहकावे में आकर लोग इस तरह के कुकृत्य करते हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। पीरपैंती की घटना भागलपुर की पहली नर बलि की घटना नहीं है। आठ साल पहले शाहकुंड के कोडंडा गांव में अंबिका चौधरी ने अपनी पत्नी और सात वर्षीय बेटी की बलि दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने अंबिका की सास के बयान पर हत्या का केस दर्ज कराया था। इस मामले में अंबिका अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने उसके घर की कुर्की जब्ती भी कर ली है। लेकिन आरोपित का कुछ पता नहीं चला। अंबिका को एक बेटा था। लेकिन घटना के दिन वह अपने बांका के अमरपुर स्थित ननिहाल में था। इस कारण उसकी जान बच गई।
बांका में तांत्रिक दंपती ने अष्टमी को दी थी बेटे की बलि
17 अक्टूबर को बांका 2018 को अष्टमी के दिन बांका जिले के बेलहर प्रखंड के टेंगरा गांव में एक तांत्रिक दंपती ने अपने चार वर्षीय बेटे गुलिया कुमार के सिर में कील ठोंककर बलि दे दी। वे लोग बलि देने के बाद फरार हो गए। गांव वालों के मुताबिक योगेंद्र पंडित और उसकी पत्नी मुनिया देवी कई वर्षों से तंत्र विद्या सिद्धि में लगे हुए थे। अष्टमी की शाम से ही दोनों तंत्र साधना में लगे। घटना की जानकारी होते ही इलाके में खबर आग की तरफ फैली। दंपती को जानकारी मिलते ही वे लोग शव को एक झाड़ी में फेंककर भाग निकले।