मलेरिया का साइकिल शुरू, फॉगिंग का नहीं मिला आदेश
जून से मलेरिया के मरीज अस्पताल में भर्ती होने लगते हैं लेकिन इस साल अभी तक इससे निपटने के लिए कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। मलेरिया विभाग मुख्यालय (पटना) के आदेश का इंतजार कर रहा है।
भागलपुर। जून से मलेरिया के मरीज अस्पताल में भर्ती होने लगते हैं, लेकिन इस साल अभी तक इससे निपटने के लिए कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। मलेरिया विभाग मुख्यालय (पटना) के आदेश का इंतजार कर रहा है।
दरअसल, मलेरिया के मरीज मिलने पर जिला मलेरिया विभाग इसकी सूचना मुख्यालय को देता है। इसके बाद मुख्यालय के आदेश पर उस मोहल्ले में दवा का छिड़काव किया जाता है। हालांकि शहरी क्षेत्र में छिड़काव की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। किस साल कितने मरीज मिले
वर्ष मलेरिया के मामले
वर्ष संख्या
2015 16
2016 34
2017 31
2018 9
2019 28
2020 (जनवरी) एक
---------------------- शहरी क्षेत्र रहता है प्रभावित
आंकड़े के मुताबिक पांच वर्षा में मलेरिया से सबसे अधिक पीडित शहरी क्षेत्र के लोग हुए हैं। मुंदीचक, मिरजानहाट, तिलकामांझी, खंजरपुर, रामसर आदि मोहल्लों में मलेरिया के ज्यादा मरीज मिले हैं।
----------------------- 147 पद, आठ हैं कार्यरत
जिला मलेरिया कार्यालय में 147 पद स्वीकृत है। इसमें से केवल आठ कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि चार कर्मचारी अन्य प्रखंडों में प्रतिनियुक्ति हैं। एक लैब टेक्नीशियन की प्रतिनियुक्ति शहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई है। इससे मलेरिया कार्यालय में अभी एक भी टेक्नीशियन नहीं हैं। प्रतिमाह ढ़ाई लाख का है बजट
कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन मद पर हर महीने करीब ढाई लाख रुपये खर्च होते हैं। इसके अलावा कालाजार और डेंगू की रोकथाम करने के लिए प्रतिवर्ष करीब 20 लाख का बजट है, लेकिन इसके बावजूद प्रतिवर्ष डेंगू और कालाजार से दर्जनों लोग पीड़ित होते हैं। कोट :
दो सप्ताह पूर्व दवा छिड़काव के लिए करीब एक लाख रुपये का बजट मुख्यालय को भेजा गया है। इसमें डीजल, पेट्रोल, दवा और मानदेय शामिल है। मुख्यालय का निर्देश नहीं आया है।
कुंदन भाई पटेल, जिला मलेरिया पदाधिकारी इस तरह बच सकते हैं मलेरिया से
वरीय फिजीशियन डॉ. एके सिन्हा ने कहा कि घर और घर के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। घर के कोने-कोने की सफाई करें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। तेज बुखार के साथ कपकपी होना मलेरिया के लक्षण हैं।