JLNMCH में करें नेत्रदान : 55 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए Bhagalpur News
अगर कार्निया की मांग अन्य अस्पतालों से की जाएगी तो यहां से उपलब्ध कराया जाएगा। जिस मृत व्यक्ति की कॉर्निया सुरक्षित रखी जाएगी उसके खून के नमूने की पहले जांच की जाएगी।
भागलपुर [जेएनएन]। अब मायागंज अस्पताल में इच्छुक लोग नेत्रदान कर सकेंगे। मायागंज अस्पताल में आई बैंक खोलने की प्रक्रिया दो वर्षों से चल रही थी। आई बैंक में 55 लाख की लागत से अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। नेत्रदान करने के इच्छुक व्यक्ति की मौत की सूचना मिलने पर आई बैंक के डॉक्टर कार्निया निकालेंगे और बैंक में सुरक्षित रखेंगे। 10 दिन से लेकर एक माह तक कॉर्निया को आई बैंक में सुरक्षित रखा जा सकता है।
अस्पताल के इंडोर विभाग में प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने आई बैंक और 10 बेड की डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन किया। नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. उमा शंकर सिंह ने कहा कि नेत्रदान करने के इच्छुक लोगों को नेत्र रोग विभाग से फॉर्म मिलेगा। फॉर्म पर नेत्रदान करने वाले के नाम, घर का पता और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
15 सौ बेडों का अस्पताल बनाने की मांग
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत अस्पताल और हवाई अड्डा का भी विकास किया जाएगा। इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने अस्पताल के बेडों को बढ़ा कर 15 सौ करने की मांग की। अधीक्षक की मांग पर आयुक्त ने बेड बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव मांगा। इस दौरान डॉ. हेमशंकर शर्मा, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. विनय कुमार, डॉ. राजकमल चौधरी, डॉ. गोविंद, डॉ. सुरेश, डॉ. पम्मी राय, डॉ. पुनित परशुरामपुरिया, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. सीएम उपाध्याय सहित कई डॉक्टर उपस्थित थे।
अन्य मेडिकल कॉलेज में भी कार्निया भेजी जाएगी
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि अगर कार्निया की मांग अन्य अस्पतालों से की जाएगी तो उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस मृत व्यक्ति की कॉर्निया सुरक्षित रखी जाएगी, उसके खून के नमूने की पहले जांच की जाएगी। जांच में देखा जाएगा की उसे हेपेटाइटिस या अन्य संक्रामक बीमारियां तो नहीं थी। बिहार में पटना मेडिकल कॉलेज, आइजीएमएस और गया में आई बैंक है।
दो शिफ्टों में की जाएगी डायलिसिस
अस्पताल में 10 बेड की डायलिसिस यूनिट भी चालू किया गया। हालांकि, अभी तीन डायलिसिस मशीनें ही इंस्टॉल की गई हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने डायलिसिस करवा रहे मरीजों को भी देखा। अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि आने वाले दिनों में दो शिफ्टों में डायलिसिस की जाएगी।
यूनिट में जूता पहने डॉक्टरों ने प्रवेश किया
डायलिसिस यूनिट में डॉक्टरों की भीड़ जूता पहने ही प्रवेश कर गई। जबकि वहां जूता पहन कर प्रवेश पर रोक है। यूनिट के बाहर इस बाबत बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन अधिकारियों को छोड़कर किसी ने भी इसकी परवाह नहीं की।