Top Bhagalpur News of the day, 26th September 2019, बिहार विधानसभा उपचुनाव, घोरघट पुल, सृजन घोटाला से हवाला कारोबार
Top Bhagalpur News of 26th September 2019। भागलपुर की टॉप Top Three खबरें। ताजातरीन खबरों के लिए बने रहिए हमारे साथ।
भागलपुर [जेएनएन]। 26th September 2019 को जिले की कुछ महत्वपूर्ण खबरें।
बिहार विधानसभा उपचुनाव
भागलपुर जिले के नाथनगर विधानसभा उपचुनाव को लेकर चौथे दिन भी दोपहर तक एक भी नामांकन नहीं हुआ, केवल पां नामांकन फॉर्म की बिक्री हुई। फॉर्म खरीदने वालों में सबौर प्रमुख अभय कुमार, वार्ड नंबर एक लालूचक के दयाराम मंडल, ममलखा के अजय कुमार मंडल, चौकी नियामतपुर के मनोहर मंडल हैं। नामांकन को लेकर तीसरे दिन भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक है। साथ ही यही हाल बांका और किशनगंज विधानसभा का भी है।
घोरघट पुल
बाढ़ के पानी के बहाव के कारण पुराने घोरघट पुल पर खतरा मंडरा रहा है। पुल के गर्डर की कंक्रीट पैकिंग (पुल को नीचे गार्डर दिए गए सपोर्ट) खिसक गई है। पुल के किसी भी समय ध्वस्त होने की आशंका है। इसे देखते हुए यहां ट्रैक्टर, पिकअप आदि मालवाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। कार और मोटरसाइकिल चलने पर रोक नहीं है। इधर, सबौर में घोषपुर, मसाढ़ू समेत चार-पांच जगहों पर एनएच-80 पर पानी बहने लगा है। इसकी वजह से कहलगांव-भागलपुर के बीच सीधे सड़क संपर्क भंग हो गया है। दो दिन पहले बाढ़ का पानी भागलपुर-मुंगेर सीमा पर स्थित घोरघट पुल से सट गया था। पानी के तेज बहाव के कारण बुधवार को गार्डर के नीचे की कंक्रीट पैकिंग खिसक गई। सूचना मिलने पर एनएच विभाग के कार्यपालक अभियंता राजकुमार और सहायक अभियंता विजय किशोर सिंह ने घोरघट पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ब्रिटिशकालीन निर्मित घोरघट पुल रखरखाव के अभाव में पहले से ही जर्जर है। इस पर वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। 30-35 लाख रुपये से इसकी मरम्मत के बाद छोटी गाडिय़ों का परिचालन शुरू किया गया। बड़े वाहनों के परिचालन पर अब भी रोक है।
सृजन घोटाला से हवाला कारोबार
सृजन घोटाले के रुपये को हवाला कारोबार में लगाया था। भागलपुर से हवाला के जरिये अरबों रुपये अन्य राज्यों में भेजे गए थे। इसके लिए सरकारी खाते से रोज 50-50 लाख रुपये निकाल जाते थे। एक सप्ताह के अंतराल में मोटी रकम जमा कर दिल्ली, नोएडा, मुंबई आदि शहरों में भेजी जाती थी। इसमें पटना के भी कई धंधेबाजों की मदद ली जाती थी। सृजन घोटाले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआइटी) के अधिकारियों ने भी हवाला के जरिये रुपये बाहर भेजने की आशंका जताई थी। इस बाबत एसआइटी को इंडियन बैंक के तत्कालीन कर्मी अजय कुमार पांडेय ने भी जानकारी दी थी। अजय को सृजन घोटाले में करोड़ों की निकासी मामले में आरोपित बनाया गया है। पूछताछ में उसने बताया था कि सरकारी खाते से अवैध निकासी मनोरमा देवी के इशारे पर होती थी। नकदी लेने में शहर के कई बड़े व्यवसायियों के नाम भी सामने आए थे। अजय ने बताया था कि सबौर की इंडियन बैंक शाखा से निकली करोड़ों की राशि नकदी और आरटीजीएस के माध्यम से गार्डेनिया को पहुंचाई गई थी, जो रियल इस्टेट कंपनी है।