मैथिली के प्रसिद्ध गीतकार रवींद्रनाथ ठाकुर का निधन, अभिनव विद्यापति के नाम से थे मशहूर
मैथिली के महान गीतकार रवींद्रनाथ ठाकुर नहीं रहे। बुधवार को 86 साल की उम्र में दिल्ली में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उन्होंने प्रथम मैथिली फिल्म के लिए गीत लिखे थे। मूलरूप से वह बिहार के पूर्णिया के रहने वाले थे।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। मैथिली के महान गीतकार व कवि रवींद्र नाथ ठाकुर का बुधवार को दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे और कुछ दिनों से कैंसर से पीड़ित थे। वे मूल रुप से पूर्णिया जिले के धमदाहा के रहने वाले थे। प्रथम मैथिली फिल्म ममता गायब गीत के भी गीतकार रहे रवींद्र नाथ ठाकुर को प्रसिद्ध साहित्यकार बाबा नागार्जुन ने अभिनव विद्यापति का उपनाम दिया था और इस उपनाम से भी वे जाने जाते थे।
बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा गठित मैथिली अकादमी निदेशक सह सचिव के पद पर भी वे रहे थे। मिथिलांचल के साथ-साथ पूरे देश में मैथिली को उन्होंने अपनी कलम व फिर सुर से नई समृद्धि प्रदान की थी। उनकी पोती मशहूर पार्श्व गायिका परंपरा फिलहाल अलग ही धूम मचा रही है। प्रबोध साहित्य सम्मान, मिथिला रत्न सम्मान व मिथिला विभूति जैसे डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत रवींद्र नाथ ठाकुर के गीत अब भी मिथिला के हर घर में गुनगुनाए जाते हैं।
उनके बड़े पुत्र अवनिंद्र ठाकुर ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को हरिद्वार गंगा घाट पर किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी के अलावा तीन पुत्र व दो पुत्रियों से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह ने उनके निधन को मिथिलांचल समेत पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
उन्होंने कहा कि यह मैथिली साहित्य व संगीत के लिए एक दुखद पल है। उन्होंने मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सह पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य टनटन ठाकुर ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।