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प्राचार्य आप संभल जाइए... स्कूलों में नहीं होने दें बच्चों की 60% से कम उपस्थिति Bhagalpur News

समीक्षा के दौरान डीएम ने शिक्षा पदाधिकारियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ मध्याह्न भोजन योजना को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:39 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 11:39 AM (IST)
प्राचार्य आप संभल जाइए... स्कूलों में नहीं होने दें बच्चों की 60% से कम उपस्थिति Bhagalpur News
प्राचार्य आप संभल जाइए... स्कूलों में नहीं होने दें बच्चों की 60% से कम उपस्थिति Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। बच्चों की उपस्थिति 60 प्रतिशत आवश्यक रूप से विद्यालय में हो। जहां उपस्थिति कम होगी वहां के प्रधानाध्यापक के वेतन पर रोक लगाएंगे। डीएम ने यह आदेश शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को दिया। डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जितने भी बच्चे विद्यालय में नामांकित हैं, उन्हें स्कूल लाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। जो बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं, उनके अभिभावक से शिक्षक मिलकर उन्हें विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें।

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डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा की गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि 515586 बच्चे नामांकित है। 259515 बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। डीएम ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और सभी स्कूलों में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। बच्चों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया।

समीक्षा के दौरान डीएम ने शिक्षा पदाधिकारियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ मध्याह्न भोजन योजना को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सभी शिक्षा पदाधिकारी स्कूलों में सही ढंग से पठन-पाठन और मध्याह्न भोजन योजना मीनू के अनुसार चल रहा है या नहीं जांच कर टिप्पणी समर्पित करने का निर्देश दिया। जिस विद्यालय में बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा है और प्रभार आदान-प्रदान का बात है तो बीईओ तुरंत प्रभार दिलाकर मध्याह्न भोजन शुरू कराएं। जो प्रभार नहीं देते हैं, उनपर प्राथमिकी दर्ज कराएं।

शिक्षा समिति के सदस्यों ने बताया कि स्कूल का चापाकल खराब है। डीएम ने वैसे स्कूलों की सूची तुरंत पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को मरम्मत के लिए भेजने का डीपीएम मध्याह्न भोजन योजना को निर्देश दिया। जिन विद्यालयों में बच्चों के भोजन के समय मैट उपलब्ध नहीं है, विद्यालय को विकास के फंड से मैट खरीदने का निर्देश दिया गया।

डीएम ने कहा कि रसोईया को अपरन और कैप उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। शौचालय को साफ -सुथरा रखने की व्यवस्था करें और बच्चों को शौचालय का उपयोग करवाएं। रसोईया का वेतन का भुगतान ससमय करें। राज्य खाद्य निगम द्वारा जो चावल उपलब्ध कराया जाता है वह गुणवत्ता पूर्ण हो। स्कूल में इसके रखने के लिए ट्रंक आदि की व्यवस्था रखें। 97 विद्यालय के पास जमीन है, वहां अंकुरन योजना के तहत सब्जी उगाएं।

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