Lack of Teachers in Bihar: बीआरएम कालेज में 15 शिक्षकों के भरोसे 6500 छात्राएं, कब भरेंगे रिक्त पद?
Lack of Teachers in Bihar मुंगेर के बीआरएम कालेज में 15 शिक्षकों के भरोसे 6500 छात्राओं का भविष्य है। कई विषयों के यहां टीचर नहीं हैं। कुल मिलाकर छात्र-शिक्षक अनुपात में यहां जमीन आसमान का फर्क दिखाई दे रहा है।
अजीत पाठक, मुंगेर। मुंगेर विवि के कालेजों में शिक्षकों की कमी है। बीआरएम कालेज विश्वविद्यालय का नामचीन महिला कालेजों में शुमार है। पूर्व में यहां से शिक्षा ग्रहण कर छात्राएं देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लोहा मनवा चुकी है, पर वर्तमान समय में शिक्षकों की कमी से यह महाविद्यालय अपने सुनहरे अतीत पर आंसू बहा रहा है। कालेज में शिक्षकों के 44 पद सृजित हैं ,वर्तमान में 15 शिक्षक ही कार्यरत हैं। कई महत्वपूर्ण विषय रसायन शास्त्र ,अंग्रेजी ,अर्थशास्त्र जैसे विषयों में शिक्षक नहीं है। इन विषयों में लगभग 500 छात्राएं नामांकित है। कालेज में कुल नामांकित छात्राओं की संख्या लगभग 6500 है।
शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। जिन विषयों में शिक्षक नहीं है, उन विषयों के छात्रों को या तो निजी कोचिंग सेंटर या निजी शिक्षक से भविष्य संवारने को मजबूर हैं। यहां पढ़ाई कर छात्राएं परीक्षा में सफल हो रही हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को बेहतर पढ़ाई के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शिक्षकों को लगाया जाता है गैर शैक्षणिक कार्यो में
कालेज में प्राचार्य सहित 15 शिक्षक है। इन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य जैसे दस्तावेज सत्यापन, टेबुलेशन, मूल्यांकन, परीक्षा जैसे कार्यों में भी लगाया जाता है, जिस वजह से नियमित कक्षाओं को भी स्थगित करना पड़ता है। ऐेसे में छात्राओं की परेशानी और बढ़ जाती है। छात्राएं शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग उठातीं हैं, लेकिन कमी दूर नहीं किया जा रहा है।
बिना गुरु ज्ञान प्राप्त कर रही छात्राएं
बीआरएम कालेज में रसायन शास्त्र, अर्थशास्त्र में एक भी शिक्षक नहीं है, जबकि इन विषयों में नामांकित छात्राओं की संख्या लगभग 500 है। अंग्रेेजी विषय में भी स्थायी शिक्षक नहीं है, विवि प्रशासन ने मुंगेर विश्वविद्यालय के महाविद्यालय निरीक्षक डा. भवेश चंद्र पांडेय को कालेज में प्रतिनियुक्त किया है, जिसके बाद अंग्रेजी के छात्राओं को थोडी रहत मिली है। उनकी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उन्हों विश्वविद्यालय के कार्यो का निष्पादन करना पड़ता है। उसके बाद कक्षाओं का संचालन करना पड़ता। विश्वविद्यालय में जिस दिन कार्य की व्यस्तता अधिक होती है, उस दिन कक्षाएं स्थगित हो जाती है।
सुने छात्राओं की समस्याएं
कालेज की छात्रा अर्चना कुमार, अर्पणा कुमारी, राजनंदनी कुमारी, लूसी कुमारी, निकिता कुमारी आदि छात्राओं ने बताया कालेज में शिक्षकों का घोर अभाव है। शिक्षकों की कमी के चलते हमलोगों को काफी परेशानी होती है। कई विषयों में शिक्षक है ही नहीं, जिसके चलते हमलोगों को कोचिंग सेंटर व निजी शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ता है। शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग हमलोग बराबर कर रहे है, लेकिन इस और कई सुध लेने वाला नहीं है। जिससे हमलोगों को परेशानी का समाना करना पड़ता है। हमलोग विवि प्रशासन से मांग करते है कि कालेज में शिक्षकों की कमी शीघ्र दूर करें, जिससे हमलोगों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके।
'कालेज में शिक्षकों की काफी कमी हैं। शिक्षकों के 44 पद सृजित हैं। 15 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग विवि प्रशासन से की गई है। आश्वासन मिला है कि शिक्षकों की कमी को दूर कर लिया जाएगा। शिक्षक नहीं होने से परेशानियों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।' -डा. कंचन गुप्ता, प्राचार्य, बीआरएम कालेज, मुंगेर।