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लगातार हो रही बारिश से कोसी के आलू किसान परेशान, बाढ़ में डूबे खेत

कोसी में इस बार भी मक्का फसल की दुर्गति एवं बाढ़ तथा मूसलाधार बारिश से धान की फसल की बर्बादी के बाद किसानों को आलू की खेती से कुछ उम्मीद जगी थी। लेकिन कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:48 PM (IST)
लगातार हो रही बारिश से कोसी के आलू किसान परेशान, बाढ़ में डूबे खेत
कोसी में आलू उत्पादक किसानों के आफत की बारिश साबित हो रही है।

मधेपुरा, जेएनएन। पुरैनी प्रखंड क्षेत्र में बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश से जहां आम लोग परेशान हैं। वहीं आलू उत्पादक किसानों के आफत की बारिश साबित हो रही है।

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मालूम हो कि विगत कुछ वर्षों में प्रखंड क्षेत्र के झंडापुर बासा, गणेशपुर, पुरैनी, बघरा, डुमरैल, ओरलाहा, बघवा दियारा, भटौनी, चटनमा, बंशगोपाल, मकदमपुर, फुलपुर, छब्बू बासा, अम्भोबासा, औराय, मरूआही सहित कई अन्य गांवों के काफी संख्या में किसान आलू की खेती कर रहें हैं। इस बार भी मक्का फसल की दुर्गति एवं बाढ़ तथा मूसलाधार बारिश से धान की फसल की बर्बादी के बाद किसानों को आलू की खेती से कुछ उम्मीद जगी थी। लेकिन कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बघवा दियारा निवासी किसान मु.रिजवान उद्दीन,मु. फारूक,मु. इदरीश, सुभाष चन्द्र मेहता, अमरेन्द्र कुमार ङ्क्षसह,मु.गफ्फार,भटौनी के मु.शब्बीर, कहरटोली के अनोज मेहरा,पुरैनी के विवेक यादव,मुन्ना मेहता, दुहबी-सुहबी के मनोज यादव,गणेशपुर के जयकृष्ण मेहता, भोपाल मेहता,झंडापुर बासा के मनोज मेहता, शैलेन्द्र मेहता, बैकुंठ मेहता, अशोक मेहता, संजय मेहता, मु.अव्वास राही ने बताया कि आलू की रोपाई के लिए दो सप्ताह पूर्व ही खेतों को पूर्ण रूप से तैयार कर नई तकनीक व महंगी कंपोस्ट डालकर खेत को सूखने के लिए छोड़ दिया था। लेकिन बीते सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने सब किए-कराए पर पानी फेरकर हम सबों के मंसूबे पर ग्रहण लगा दिया है। तैयार किए गए खेतों में फिर से बारिश का पानी भर जाने से सारी मेहनत बेकार चली गई। किसानों ने बताया कि काफी महंगी कीमत पर अन्य प्रदेशों से आलू की बीज मंगाकर खेतों में रोपाई की जाती है। इस वर्ष आलू के बीज छह हजार रुपए प्रति क्विंटल मंगाया गया है। अगर समय से रोपाई नही की गई तो भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। समय से रोपाई व समय से आलू निकलने के बाद किसानों को काफी फायदा होता है।


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