Corona virus : जमाती छिपे नहीं, अब तक महफूज है यह जिला
जिले में माइक्रो लेवल पर प्लानिंग व मॉनिटीरिंग की जा रही है। तब्लीगी जमात विदेश यात्रा व दूसरे राज्यों से घर लौटे हर व्यक्ति की पहचान कर स्क्रीनींग कराई गई।
किशनगंज, जेएनएन। किशनगंज जिले में तीन हजार से अधिक प्रवासी घर लौट चुके हैं। 497 लोग विदेश से यात्रा कर वापस आए। तब्लीगी मरकज से भी 13 माती पहुंचे। बावजूद, कोरोना संक्रमण का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया। प्रशासन की सतर्कता के कारण ही ऐसा हुआ है।
वापस लौटने वाले छिपे नहीं, लिहाजा जांच-पड़ताल समय से हुई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा समय रहते दी गई सूचना पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रवासियों के स्वास्थ्य का लगातार फॉलोअप किया गया। माइक्रो लेवल पर मॉनिटरिंग और नेपाल सीमा पर समय रहते शुरू हुई स्क्रीनिंग की भी भूमिका रही। अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमा से सटा किशनगंज जिला ग्रीन जोन में है। यह स्थिति तब है, जब लॉकडाउन के बाद जिले में तीन हजार से अधिक प्रवासी घर लौट चुके हैं। इनमें 497 विदेशों से यात्रा कर लौटे हैं और तब्लीगी मरकज से भी 13 जमाती किशनगंज पहुंच चुके हैं।
जमातियों में 10 इंडोनेशिया व एक मलेशिया का भी नागरिक शामिल है। विदेश यात्रा कर घर लौटने वालों में भी 260 लोग ऐसे हैं जो चीन, ताइवान, जापान, मलेशिया, दुबई, यूएई, जेद्दा समेत अन्य खाड़ी देशों से हैं। कई नेपाल से भी लौटे हैं। स्थानीय जनप्रतनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से इन सबों की पहचान की गई। स्वास्थ्य जांच के बाद इन्हें होम क्वारंटाइन भी किया गया। नॉर्थ-ईस्ट के गेटवे कहे जाने वाले किशनगंज जिले में पांच मार्च से ही नेपाल सीमा पर स्क्रीनिंग शुरू कराई गई। जिले के दिघलबैंक, टेढ़ागाछ व ठाकुरगंज प्रखंड के अंतर्गत लगभग 55 किलोमीटर लंबी नेपाल की खुली सीमा को चुनौतीपूर्ण मानते हुए जिला प्रशासन ने सभी ट्रांजिट प्वाइंटों पर थर्मल स्क्रीनिंग कराई। 10 पोस्ट बनाकर एसएसबी की मदद से मेडिकल टीम व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भारत से नेपाल व नेपाल से भारत आने वाले लगभग 30 हजार लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद 22 मार्च से ही नेपाल सीमा को सील कर आवागमन रोक दिया गया।
जिले में माइक्रो लेवल पर प्लानिंग व मॉनिटीरिंग की जा रही है। तब्लीगी जमात, विदेश यात्रा व दूसरे राज्यों से घर लौटे हर व्यक्ति की पहचान कर स्क्रीनींग कराई गई। संदिग्धों की तत्काल सैंपलिंग कराते हुए परिवार समेत पूरे गांव की स्क्रीनिंग कराई गई। नेपाल व बंगाल की सीमा से सटे होने के कारण यहां चुनौतियां अधिक हैं। कई प्रकार की दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन पूरी सतर्कता बरती जा रही है। किसी भी स्तर पर चूक नहीं हो, इसके लिए लगातार शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ मैं स्वयं कैंप कर रहा हूं। - आदित्य प्रकाश, जिलाधिकारी।
किशनगंज जिला ग्रीन जोन में है। इसके बावजूद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस हरेक सुरक्षात्मक कदम उठा रही है। जिले की सीमाओं पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। यह जिला अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमा से सटा है। जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया। -कुमार आशीष, आरक्षी अधीक्षक, किशनगंज