क्या घर वालों ने भर दी फिरौती की रकम? किडनैप किए गए बांका के डाक्टर उमेश वर्णवाल अल सुबह पहुंचे घर
बांका में किडनैप किए गए डाक्टर उमेश वर्णवाल रविवार की सुबह छह बजे के करीब अपने घर जा पहुंचे। किडनैपर्स ने उन्हें छोड़ दिया। उमेश की किडनैपिंग तीन रोज पहले हुई थी। उमेश को बिना फिरौती के छोड़ा गया है।
जागरण टीम, बांका: चतराहन गांव से गुरुवार की रात किडनैप किए गए ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल को अपहरणकर्ताओं ने तीन दिन बाद रविवार अल सुबह जमुई जिले के झाझा थाना अंतर्गत पैरघा मोड़ पर छोड़ दिया। इसके बाद किसी तरह चिकित्सक घर पहुंचे। अपहरणकर्ताओं ने चिकित्सक को छोड़ने के लिए बाइक का इस्तेमाल किया है। अपहृत को छोड़ने के एवज में अपहरणकर्ताओं ने फिरौती वसूली है या नहीं। इसका पता नहीं चल सका है। लेकिन फिरौती की रकम अपहृत द्वारा कबूल करने की आशंका जताई जा रही है।
इधर अपहृत को मुक्त करने में लगातार पड़ रही पुलिस दबिश मुख्य वजह बताया जा रहा है। बताया जाता है कि अपहृत को अपहरणकर्ताओं ने बोलेरो पर बिठाते ही आंख पर पट्टी बांध दिया था। सभी अपहरणकर्ता भी नकाब में थे।जिस कारण उसकी पहचान संभव नहीं हो सकी। पहले दिन बोलेरो वाहन से उतारकर एक मवेशी बांधने के झोपड़ीनुमा गुहाल में रखा था।इसके बाद लगातार ठिकाना बदलता रहा। दूसरे दिन जहां रखा गया था।वहां लोगों की काफी हलचल थी।
- डाक्टर सकुशल घर वापस लौटे हैं।
- किडनैपर्स ने किसी प्रकार की मारपीट नहीं की।
- किडनैपर्स बाइक द्वारा डाक्टर को घर के पास लेकर पहुंचे।
- सुबह छह बजे के करीब डाक्टर को अपने चंगुल से मुक्त कर गए किडनैपर्स
- फिरौती को लेकर संशय बरकरार
भोजन में मुढ़ी और चूड़ा दिया जाता था। अपहृत के घर लौटने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस चतराहन पहुंची। अपहृत से घटना की सारी जानकारी ली है।फिलहाल स्वजनों के साथ छोड़ दिया गया है। ज्ञात हो कि गुरुवार रात सड़क दुर्घटना में एक घायल के इलाज करने के बहाने दरवाजा खुलवाकर घर से अपहरण कर लिया था। थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया अपहृत का सकुशल घर वापसी हो गई है। पुलिस दबिश के कारण अपहरणकर्ताओं ने मुक्त कर दिया है। उससे बातचीत की गई है। फिलहाल स्वजनों के साथ है।कोई फिरौती की रकम नहीं दी गई है।