तीन माह में लक्ष्य के मात्र 52 प्रतिशत हुई धान की अधिप्राप्ति
जिले में 20 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। मक्का और गेहूं के बाद मुख्य रूप से धान की ही खेती की जाती है।
भवेश, संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): जिले में 20 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। मक्का और गेहूं के बाद मुख्य रूप से धान की ही खेती की जाती है। सिर्फ बेलदौर प्रखंड में छह हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। अलौली और चौथम प्रखंड में भी धान की खेती का रकबा ठीक-ठाक है। परबत्ता प्रखंड के चार पंचायतों सौढ़ उत्तरी, सौढ़ दक्षिणी, महद्दीपुर और खजरैठा में धान उपजाई जाती है। लेकिन धान किसान अपनी उपज बिचौलिये के हाथों बेचने को विवश हैं।
जिले में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 25 हजार मीट्रिक टन निर्धारित है।
इसको लेकर 15 अक्टूबर 2021 से जिले के 115 पैक्स और तीन व्यापार मंडल के माध्यम से धान की अधिप्राप्ति की जा रही है। 15 फरवरी तक धान खरीद की जानी है। लेकिन धान अधिप्राप्ति के तीन माह से अधिक बीतने के बाद अब तक निर्धारित लक्ष्य के 52 प्रतिशत लगभग 13 हजार मीट्रिक टन ही धान की अधिप्राप्ति हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि शेष लक्ष्य 12 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी नियत समय में विभाग कर पाएगी अथवा नहीं। महिनाथ नगर के किसान देवशंकर सिंह ने कहा कि सरकारी स्तर पर धान खरीदारी की प्रक्रिया जटिल है। इसलिए किसान बिचौलिये के हाथों धान खरीदने को विवश हो जाते हैं। रबी के मौसम में किसानों को गेहूं और मक्का की बुआई करनी होती है। वे जटिल प्रक्रिया में न जाकर घाटे सहकर भी बिचौलिये के हाथों अपनी उपज बेच डालते हैं। ----------
आंकड़े पर करें गौर
प्रखंड लक्ष्य (क्विटल में) अधिप्राप्ति बेलदौर 27 हजार 19,190
अलौली 48,474 22,420 चौथम 48,474 20,278
गोगरी 62,587 26,144 परबत्ता 12,472 7076
खगड़िया 43,742 24,423 मानसी 19,998 15,144 कोट
धान अधिप्राप्ति का निर्धारित लक्ष्य 25 हजार मीट्रिक टन है। अब तक 13 हजार मीट्रिक टन अधिप्राप्ति हो पाई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपये है। 115 पैक्स और तीन व्यापार मंडल में अधिप्राप्ति हो रही है। बचे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
शशिकांत शशि, जिला सहकारिता पदाधिकारी, खगड़िया।