Move to Jagran APP

रेडियोलॉजी में पीजी पढ़ाई की मान्यता पर लटकी तलवार

वाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की पढ़ाई को मान्यता मिलने में कई बाधाएं हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 02:36 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 02:36 AM (IST)
रेडियोलॉजी में पीजी पढ़ाई की मान्यता पर लटकी तलवार

भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की पढ़ाई को मान्यता मिलने में कई बाधाएं हैं। जब तक यहां सहायक और वरीय रेजिडेंट के पद सृजित नहीं होते, तब तक पढ़ाई शुरू नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने मान्यता को लेकर सारी तैयारियां कर रखी थी, लेकिन इस पर पानी फिर गया। मंगलवार को अस्पताल पहुंची मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने स्पष्ट कर दिया कि पद सृजित होने के बाद ही पीजी की पढ़ाई के लिए मान्यता पर विचार किया जाएगा।

loksabha election banner

दरअसल, रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की पढ़ाई के लिए अब तक मान्यता नहीं मिली है। इसी को लेकर एमसीआइ इंस्पेक्टर डॉ. अशोक शर्मा और डॉ गोविंद बल्लभ पंत संसाधन और प्राध्यापक और वरीय प्राध्यापक के पदों की जांच करने पहुंचे थे। टीम ने सुबह 10 से शाम पांच बजे तक अस्पताल का निरीक्षण किया। रेडियोलॉजी विभाग में सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ विभाग का निरीक्षण किया। एमआरआइ कक्ष को फ्री रेडियशन जोन देखकर टीम संतुष्ट हुई। सिटी स्कैन मशीन के बारे में एचओडी डॉ. मुरारका ने बताया कि यहां लगी मशीन 16 स्लाइड से लैस है। ऐसी मशीन राज्य के दूसरे मेडिकल अस्पताल में नहीं है। निरीक्षण के दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल और कई विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

--------------------

हड्डी विभाग का पुडुचेरी के डॉक्टर ने किया निरीक्षण

हड्डी विभाग भी में पीची की पढ़ाई को लेकर जांच करने मंगलवार को एमसीआइ की एक सदस्य टीम आई थी। टीम के सदस्य डॉ. नवीन कुमार ने हड्डी विभाग का निरीक्षण किया। डॉ. नवीन कुमार ने फिजियोथेरापी विभाग और सभी ऑपरेशन थियेटर कक्ष की जांच की। यहां की व्यवस्था से वह संतुष्ट दिखे।

---------------

टीम ने मरीजों की संख्या आदि के बारे में ली जानकारी

निरीक्षण के क्रम में टीम ओपीडी और इमरजेंसी पहुंची। जहा डॉक्टरों से टीम ने बात की। टीम ने पूछा, आप कैसे मरीजों का इलाज करते हैं। कितनी संख्या में मरीज प्रतिदिन आते हैं। संबंधित डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद टीम ब्लड बैंक गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.