Lok Sabha Election 2019 : जदयू की झोली में भागलपुर सीट की चर्चा से भाजपा 'खामोश'
बांका और भागलपुर जिले की कुछ नदियों से बालू का उठाव किया जाता है। भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग और बांका-अमरपुर-कजरैली-भागलपुर मार्ग इस अवैध धंधे का गवाह है।
भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। भागलपुर लोकसभा चुनाव में एनडीए की स्थिति अभी तक साफ नहीं हुई है। ज्यों-ज्यों चुनाव के साथ नामांकन दाखिल करने की तिथि नजदीक आ रही है, एनडीए में हलचल तेज हो गई है। भागलपुर में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान है और 19 मार्च से नामांकन की तिथि घोषित है। शनिवार को दिनभर क्षेत्र में यह चर्चा रही कि भागलपुर सीट जदयू और बांका सीट भाजपा की झोली में जा रही है। चर्चा के बाद भाजपा और जदयू के नेताओं ने पटना और दिल्ली तक संपर्क साधने लगे।
जदयू के स्थानीय नेता सांसद कहकशां परवीन, विधायक अजय मंडल और अबू कैसर में ही किसी एक को संभावित उम्मीदवार बता रहे हैं। कहकशां अभी राज्यसभा में हैं। उनका कार्यकाल 2020 में समाप्त हो जाएगा। पार्टी में वह लोकप्रिय सांसद हैं। जदयू के पाले में सीट जाने से पार्टी की पहली पसंद कहकशां हो सकती हैं। कहकशां को एनडीए का वोट तो मिलेगा ही, वह अपने समाज का भी वोट ले सकती हैं। इस कारण से उन पर दांव लगाया जा सकता है। दूसरे नंबर पर अजय मंडल आते हैं। वे तीसरी बार विधायक बने हैं। यह माना जा रहा है कि अजय गंगोता समाज का वोट ले लेंगे तो यह सीट एनडीए की झोली में आ जाएगी। अब तक विधायक के रुप में जीतते रहे अजय लोकसभा चुनाव में नाथनगर के अलावा दूसरे क्षेत्र में अपनी जाति का वोट लेने की क्षमता रखते हैं। तीसरे उम्मीदवार के तौर पर अबू कैसर का नाम गिनाया जा रहा है। अबू गत लोकसभा चुनाव के साथ ही नाथनगर से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वे चुनाव का टिकट पाने के लिए जोड़ लगाए हुए हैं।
उधर, जदयू की सीट होने की चर्चा से भाजपा खेमे में दिनभर हलचल रही। भाजपा नेता कुछ बोलने और बताने की स्थिति में नहीं हैं। पटना और दिल्ली में बैठे भाजपा के बड़े नेताओं ने भी सीट बंटवारे पर चुप्पी साध ली है। भाजपा को अब भी भरोसा है कि यह सीट उन्हें मिलेगी। कहा गया कि शाहनवाज के लिए कई केंद्रीय मंत्री भी लाबिंग कर रहे हैं। बिहार भाजपा के नेताओं ने शाहनवाज के चुनाव लडऩे के संकेत दिए हैं लेकिन क्षेत्र पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। जदयू के जो संभावित दावेदार हैं वे भी अभी अपनी ओर से कुछ नहीं बोल रहे हैं। कहते हैं कि सीट फाइनल होने के बाद ही उम्मीदवार तय होगा।