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जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को फ‍िर लगा कोर्ट से झटका, जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहेंगे

Pappu Yadav Latest News 32 वर्ष पुराने अपहरण के मामले में पूर्व सांसद सह जाप के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव की जमानत मधेपुरा अदालत ने खारिज कर दी गई। पप्‍पू यादव अभी जेल में हैं। आज दोपहर बाद ढाई बजे यह फैसला सुनाया गया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:09 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 04:21 PM (IST)
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को फ‍िर लगा कोर्ट से झटका, जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहेंगे
मधेपुरा अदालत में पूर्व सांसद पप्‍पू यादव की जमानत पर सुनवाई हुई। जमानत अर्जी खारिज।

जागरण संवाददाता, मधेपुरा। जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के जमानत की अर्जी को जिला जज रमेश कुमार मालवीय की कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वर्चुअल कोर्ट के द्वारा चली सुनवाई के दौरान सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा के अलावा अधिवक्ता मनोज कुमार अंबष्ठ ने जमानत के लिए अपनी दलील दी। लेकिन सभी पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने जमानत पर अपना निर्णय कई घंटों के लिए सुरक्षित रख लिया। बाद में जमानत पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि चूंकि यह पुराना मामला है। एक तरह से केस का मिशयूज कहा जा सकता है। चूंकि यह मामला सुलहनीय नहीं है। बावजूद आरोपित केस के प्रति गंभीर नहीं रहे। ऐसे में जमानत देना सही प्रतीक नहीं होता है। जिला जज ने लोअर कोर्ट को निर्देश दिया कि एक महीना के अंदर केस में कमिटमेंट कर सेशन कोर्ट को भेजें। वहीं अगर छह माह में केस का निष्पादन नहीं होता है तो फिर से पिटिशनर फ्रेस बेल के लिए पिटिशन फाइल कर सकते हैं। बेल रिजेक्ट होने के बाद सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अंबष्ठ ने बताया कि इस मामले में विचार किया जा रहा है। उसके बाद ही आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा।

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काफी देर तक बना रहा सस्पेंस

सुबह आठ बजे सुनवाई के बाद जिला जज ने बेल पर अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया। लेकिन बाहर समर्थक व लोगों ने मान लिया कि पूर्व सांसद को बेल मिल गई है। इतना ही नहीं साइलेंट मोड में पार्टी का दौर भी शुरू हो गया। लेकिन कोर्ट के अंदर की खामोशी कुछ और ही बयां कर रही थी। आमतौर पर केस के मामले में पहले से स्थिति स्पष्ट हो जाती थी। लेकिन दिन के दो बजे ही आधिकारिक रूप से बेल रिजेक्ट होने की जानकारी मिली।

29 मई को भी हुई थी सुनवाई

29 मई को भी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने एक जून का सुनवाई मुकर्रर की थी। वहीं इससे पहले 27 मई को हुई सुनवाई में भी पप्पू यादव का बेल को रिजेक्ट कर दिया गया था। मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेएम प्रथम अनुप कुमार सिंह ने जानकारी के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व सांसद का बेल रिजेक्ट कर दिया था। बेल पिटिशन के लिए पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ व सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने अपना पक्ष रखा था।

32 साल पुराना अपहरण का है मामला

जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। पप्पू यादव पर वर्ष 1989 में शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था। इसी मामले में पटना पुलिस ने उन्हें 11 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मधेपुरा पुलिस को सौंप दिया था। मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद उन्हें बीरपुर जेल भेज दिया गया है। जहां पूर्व सांसद की तबियत खराब होने के कारण दरभंगा इलाज के लिए भेज दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूर्व सांसद ने राजीव प्रताप रूढ़ी द्वारा छिपाए गए एंबुलेंस प्रकरण को उठाया था। जो पूरे देश में सुर्खी बनी। यह बात सरकार को पच नहीं पाई। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। मंगलवार को कार्यकर्ताओं में बेल की उम्मीद थी। लेकिन बेल रिजेक्ट होने पर कार्यकर्ता मायूस हैं।


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