Jamui News: मनरेगा से मजदूरों को मिल रहा काम, 105 योजनाओं में चार हजार से अधिक को मिला रोजगार
जमुई में मनरेगा के माध्यम से लोगों को काम मिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रोजगार देने के लिए 105 योजनाओं की मंजूरी मिली है। 105 योजनाओं में अभी चार हजार जॉब कार्डधारी काम कर रहे हैं।
जमुई [विधु शेखर]। कोरोना के मद्देनजर दूसरे प्रदेशों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों की घर वापसी को देखते हुए मनरेगा विभाग ने भी कमर कस ली है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में रोजगार देने के लिए 105 योजनाओं की मंजूरी मिली है। 105 योजनाओं में चार हजार जॉब कार्डधारी काम कर रहे हैं। बहरहाल, विभाग के अनुसार इनकी संख्या बढ़कर अधिक हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक प्रखंडों में 37 हजार 67 मजदूर पंजीकृत हैं जिसमें 17 हजार 720 एक्टिव मजदूरों की श्रेणी में हैं। ग्रामीण संरक्षण को खड़ा करने वाले कार्यों के अलावा अन्य मनरेगा से जुड़ी कार्यों में 100 प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इस तरह से लॉकडाउन में खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का एक बेहतर विकल्प मिलने के साथ
मनरेगा सहारा बन गया है।
198 रुपये प्रति कार्यदिवस के हिसाब से एक करोड़ 53 लाख का भुगतान
प्रत्येक मनरेगा कामगार को 198 प्रति कार्य दिवस की हिसाब से भुगतान किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष 198 रुपये प्रति कार्य दिवस के हिसाब से एक करोड़ 53 लाख रुपये मजदूरों को भुगतान किया जा चुका है। जल- जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक पैईन व तालाब के उड़ाही का काम हो रहा है। इसके अलावा पौधारोपण को भी शामिल किया गया है। प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में 24-24 सौ पौधा लगाने का लक्ष्य है। इस तरह से पूरे प्रखंड में कुल 34 हजार पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 200 पौधों की एक यूनिट के हिसाब से सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण में दो एक वनपोषक व निजी जमीन पर जमीन मालिक को एक वनपोषक के रूप में सौ कार्य दिवस के साथ 19 हजार 800 रुपये अगले 5 वर्ष तक दिया जाएगा। वनपोषक पर पौधा को सुरक्षित रखने पटवन आदि की जिम्मेदारी होती है।
आवास निर्माण में 95 कार्यदिवस में 10 लाख का भुगतान
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को मनरेगा से जोड़कर पंचानवे कारी दिवस की मजदूरी का एकमुश्त भुगतान करीब 18 हजार ?810 के लगभग होती है लाभुकों को आवास योजना की राशि मिलती है। इसके साथ मनरेगा से उन्हें आवास निर्माण के लिए 95 दिनों की मजदूरी भी मिलती है इस वित्तीय वर्ष 95 दिनों की मजदूरी को मिलाकर कुल 10 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
प्रवासी व पंजीकृत मिलाकर कुल 5 हजार 26 मजदूरों ने काम मांगें हैं।सभी को मनरेगा से जुड़े कार्यो में लाभ दिया जाएगा।विभाग द्वारा व्यक्तिगत लाभ वाली योजनाओं से जुड़ी अन्य संरचना के निर्माण पर बल दिया गया है।
- संजय कुमार, मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, सिकन्दरा।