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Lok Sabha 2019 : जमुई की चुनावी तपिश उड़ाएगी दिग्गजों के होश, इस लोस पर देश की नजर

कभी समाजवादियों के गढ़ के रूप में मशहूर जमुई आज की तारीख में नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहा है। यहां के मतदाताओं के मिजाज में भी तपिश है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 11:03 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 04:55 PM (IST)
Lok Sabha 2019 : जमुई की चुनावी तपिश उड़ाएगी दिग्गजों के होश, इस लोस पर देश की नजर
Lok Sabha 2019 : जमुई की चुनावी तपिश उड़ाएगी दिग्गजों के होश, इस लोस पर देश की नजर

भागलपुर [संजय सिंह]। समाजवादियों का गढ़ रहे जमुई की सुरक्षित लोकसभा सीट पर एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान (लोजपा) और महागठबंधन प्रत्याशी भूदेव चौधरी (रालोसपा) के बीच सीधी टक्कर की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के बाद चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। पासवान लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के पुत्र और लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। इस कारण पूरे देश की नजर इस सीट पर है। लेकिन दोनों उम्मीदवारों की परेशानी पार्टी के भीतरघातियों से है।

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चिराग और भूदेव दोनों एक-एक बार जमुई संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। कभी समाजवादियों के गढ़ के रूप में मशहूर जमुई आज की तारीख में नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहा है। यहां के मतदाताओं के मिजाज में भी तपिश है। इस तपिश को पचा पाना किसी के लिए आसान नहीं है। विकास व जातीय गठबंधन के दावों के बीच मतदाताओं के बीच कई बुनियादी सवाल हैं। इन सवालों की तपिश को जो प्रत्याशी जितनी सहजता से झेल पाएंगे, चुनावी महासमर की बाजी वही जीतने में सफल होंगे।

नए परिसीमन के बाद 2009 में जमुई संसदीय सीट अस्तित्व आया है। जमुई के चार, शेखपुरा और मुंगेर के तारापुर विधानसभा क्षेत्र को इसमें शामिल किया गया है। जमुई के रण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मतों का विभाजन जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाता है। 2009 और 2014 के चुनाव में जमुई में त्रिकोणात्मक संघर्ष हुआ। दोनों बार मत विभाजन ने चुनाव परिणाम को प्रभावित किया। 2014 के चुनाव में मोदी की लहर थी। इस लहर में चिराग ने पहली बार इस सीट से भाग्य आजमाया था और विजयी भी हुए। अब 2019 के चुनाव में भी फिर से जीत दर्ज करने की चुनौती चिराग के सामने कायम है। महासमर के दूसरे प्रमुख योद्धा भूदेव चौधरी 2009 के चुनाव में जदयू के टिकट पर यहां से जीत हासिल कर चुके हैं। दोनों को एक-एक बार सांसद रहने का अनुभव है। इस अनुभव का लाभ दोनों उठाने की कोशिश करेंगे। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों प्रत्याशी एनडीए प्रत्याशी के रूप में ही चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।

दोनों अपने-अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों को बताकर मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां लोजपा प्रत्याशी चिराग पासवान अपने कार्यकाल में जमुई को मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, एसएफसी का मंडल कार्यालय, नई रेल लाइन आदि सौगात दिलाने की बात कह मतदाताओं से समर्थन मांग रहे हैं, वहीं भूदेव के लिए बदली परिस्थिति में महागठबंधन दलों के कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बना कर एनडीए के मजबूत किले को फतह करने की बड़ी चुनौती होगी। दोनों खेमों को अपनों के ही विश्वासघात की चिंता भी सता रही है।

जमुई के ही रहने वाले बांका के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव राजद की ओर से बांका में प्रत्याशी हैं। उनके छोटे भाई विजय प्रकाश यादव जमुई के विधायक हैं। विजय प्रकाश बांका में कैंप कर अपने भाई के चुनावी अभियान के सारथी बने हुए हैं। इधर, जदयू के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह की सक्रियता भी चिराग के प्रचार-प्रसार में नहीं दिख रही है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी नहीं दिखे। उनके दोनों पूर्व विधायक पुत्र मंच पर जरूर दिखे। इस पर चर्चा गर्म है। चुनावी जीत हार में कई फैक्टर काम करेंगे। इतना तो तय है कि राजनीतिक रूप से सुलझे जमुई के मतदाताओं को जो समझा पाएगा, जीत उसी की होगी।

जमुई लोकसभा में शामिल विधानसभा

जमुई, तारापुर, शेखपुरा, सिकंदरा, झाझा, चकाई

2014 के चुनाव परिणाम

चिराग पासवान : लोजपा : 285354 मत प्रतिशत में 36.79

सुधांशु भास्कर: राजद : 199407 मत प्रतिशत 25.26

उदय नारायण चौधरी: जदयू : 198400 मत प्रतिशत 25.26

2009 के चुनाव परिणाम

भूदेव चौधरी : जदयू :178560, (मत प्रतिशत 33.36)

श्याम रजक : राजद : 148763, (मत प्रतिशत 27.79)

अशोक चौधरी : कांग्रेस : 71267, (मत प्रतिशत 13.31)

जमुई लोकसभा क्षेत्र की स्थिति

कुल मतदाता : 17.09 लाख

महिला मतदाता : 803740

पुरुष मतदाता : 905492

2009 से अब तक सांसद व पार्टी

2009 - भूदेव चौधरी, जदयू

2014 - चिराग पासवान, लोजपा


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