भ्रष्टाचार के आरोप में जमालपुर सीडीपीओ निलंबित
भ्रष्टाचार के आरोप में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक विजय रंजन ने सीडीपीओ को निलंबित कर दिया।
मुंगेर (जेएनएन)। लंबे अर्से के बाद जिला में एक बार फिर से राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति का असर दिखाई देने लगा है। भ्रष्टाचार के आरोप में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक विजय रंजन ने जमालपुर सीडीपीओ कृष्ण ¨सह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं, निलंबन अवधि में कृष्णा ¨सह का मुख्यालय मुजफ्फरपुर प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय बनाया गया है। जमालपुर सीडीपीओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई प्रमंडलीय आयुक्त की अनुशंसा पर की गई है।बताते चलें कि जमालपुर बाल विकास परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका प्रिया आनंद ने जमालपुर सीडीपीओ कृष्णा ¨सह और जमालपुर सीडीपीओ ने महिला पर्यवेक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त ने सदर एसडीओ खगेश चंद्र झा और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आइसीडीएस को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। जांच के दौरान महिला पर्यवेक्षिका ने जांच टीम के सदस्यों को दो सीडी उपलब्ध कराई। जिसमें बातचीत की रिकार्डिंग दर्ज है। महिला पर्यवेक्षिका ने कई सेविकाओं से वसूली के संबंध में पूछा गया। इस दौरान कई सेविकाओं ने किसी संतोष नामक व्यक्ति को पैसे देने की बात कही। वहीं, मध्य विद्यालय वलीपुर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 202 की सेविका ने शपथ देकर जमालपुर सीडीपीओ पर क्रय पंजी में हस्ताक्षर करने के बदले एक हजार रुपये प्रति माह लिए जाने का आरोप लगाया। जबकि, कबीर चौड़ा वलीपुर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 148 की सेविका अंशु कुमारी ने शपथ पत्र देकर क्रय पंजी पर हस्ताक्षर करने के बदले दो हजार रुपये लिए जाने का आरोप लगाया। जांच रिपोर्ट और उपलब्ध साक्ष्य के आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त ने समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव से कार्रवाई करने की अनुशंसा कर दी। इसके बाद समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ने जमालपुर सीडीपीओ को निलंबित करते हुए किसी दूसरे अधिकारी को जमालपुर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का प्रभार देने के निर्देश दिए। वहीं, जमालपुर सीडीपीओ के खिलाफ आरोप गठित कर प्रपत्र मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए।